पीयू विद्यार्थियों को विश्वस्तरीय सुविधा के लिए प्रतिबद्धः प्रो. वंदना सिंह
छात्रों को इंडस्ट्रियल इक्स्पोजर दिया जाना चाहिएः नवल किशोर पांडेय
विश्वविद्यालय इंडस्ट्रियल ट्रेनिंग एक्सपर्ट को भी जोड़ेः विनीत सिंह
अलुमिनी सेल को स्ट्रेंगथन करने पर जोर दे विविः डॉ. क्षितिज शर्मा
शोध की गुणवत्ता, रोजगारपरक शिक्षा प्रदान करने समेत 37 निर्णय लिए गए
जौनपुर। वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय, जौनपुर में सोमवार को आई.क्यू.ए.सी. (आंतरिक गुणवत्ता आश्वासन प्रकोष्ठ) की बैठक कुलपति प्रो. वंदना सिंह की अध्यक्षता में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग हॉल में आयोजित हुई। बैठक में विश्वविद्यालय के पाठ्यक्रम और शोध की गुणवत्ता में सुधार और छात्रों को रोजगारपरक शिक्षा प्रदान करने के लिए कुल 37 निर्णय लिए गए| इसमें औद्योगिक और शैक्षणिक विशेषज्ञों ने भाग लिया।
कुलपति प्रो. वंदना सिंह ने कहा कि विश्वविद्यालय विद्यार्थियों को विश्वस्तरीय सुविधा प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है। इस क्रम में शैक्षिक सुधार के साथ- साथ विश्वविद्यालय शोध और रोजगार के अवसर प्रदान करने पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि बैठक में लिए गए निर्णय विश्वविद्यालय में शोध और शिक्षण की गुणवत्ता को नई ऊंचाइयों पर ले जाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित होंगे।
बैठक में ए.वी.पी. सोडेक्सो अदानी अकाउंट्स के एसोसिएट एडिशनल डायरेक्टर नवल किशोर पांडेय ने कहा कि विश्वविद्यालय में संसाधनों की कमी नहीं है। विश्वविद्यालय के छात्रों की इंडस्ट्रियल एक्स्पोजर दिया जाना चाहिए जिससे की शिक्षा को रोजगारपरक बनाया जा सके, साथ ही वह अपने संस्था में विश्वविद्यालय के छात्रों हेतु इंटर्नशिप के अवसर प्रदान करने पर भी सहयोग करेंगे। विनीत सिंह एंड एसोसिएट, गुरुग्राम के एम.डी. एवं चेयरमैन विनीत सिंह ने कहा कि विश्वविद्यालय को पुस्तकालय में छात्रों हेतु इन्डस्ट्रियल मैगज़ीन की सुविधा भी प्रदान की जानी चाहिए जिससे छात्रों मे रुचि बढ़े, साथ ही साथ विश्वविद्यालय को विभिन्न क्षेत्रों के इन्डस्ट्रियल ट्रेनिंग एक्सपर्ट को भी जोड़ना चाहिए। चिकित्सक डॉ. क्षितिज शर्मा ने कहा कि अलुमिनी सेल को स्ट्रेंगथन करने पर विशेष जोर दिया जाना चाहिए। बैठक में अन्य कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए, जिनमें शोध की गुणवत्ता बढ़ाने के लिए उच्च प्रभावकारी पत्रिकाओं में शोध कार्य प्रकाशित करने पर प्रोत्साहन राशि प्रदान करने की नीति को मंजूरी दी गई। इसके साथ ही उद्योग और शैक्षणिक संस्थानों के बीच सहयोग को प्रोत्साहन देने के लिए कार्ययोजना तैयार करने हेतु एक समिति गठित करने का निर्णय लिया गया।
बैठक में महाविद्यालयों के शोध छात्रों को विश्वविद्यालय की प्रयोगशालाओं में शॉर्ट टर्म विजिट की अनुमति देने का निर्णय हुआ। पेटेंट के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करने और SWAYAM पोर्टल के पाठ्यक्रमों को क्रेडिट आधारित प्रणाली में शामिल करने की योजना को भी स्वीकृति मिली।
इसके अतिरिक्त, छात्रों के लिए नियमित बस सेवा, योग को पाठ्यक्रम में शामिल करने, पीएच.डी. थीसिस के ऑनलाइन और समयबद्ध मूल्यांकन और राष्ट्रीय/अंतरराष्ट्रीय रैंकिंग संस्थानों में भागीदारी बढ़ाने के लिए निदेशक रैंकिंग्स” को नामित करने का निर्णय भी लिया गया।
बाह्य विशेषज्ञों की टीम ने कुलपति के साथ रज़्जू भइया संस्थान, इंजीनियरिंग संस्थान और प्रबंध अध्ययन संस्थान का विज़िट किया। समन्वयक, आई.क्यू.ए.सी. प्रो. गिरिधर मिश्र ने बैठक की शुरुआत में सभी सदस्यों का स्वागत किया। बैठक में प्रो. सौरभ पाल, प्रो. राजेश शर्मा, प्रो. अजय द्विवेदी, प्रो. मनोज मिश्र, प्रो. प्रमोद कुमार यादव, प्रो. देवराज सिंह, प्रो. रजनीश भास्कर, डॉ. जान्हवी श्रीवास्तव, डॉ. संजीव गंगवार, कुलसचिव महेंद्र कुमार समेत समिति सदस्य उपस्थित रहे। धन्यवाद ज्ञापन आई.क्यू.ए.सी. सह समन्वयक डॉ. धीरेन्द्र चौधरी ने किया।
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