नगरीकरण पर्यावरण को ध्यान में रख कर हो – प्रो. वंदना सिंह
सहकारी पी.जी कालेज में दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का हुआ आयोजन
भारत में नगरीकरण : विकसित भारत के संदर्भ में मुद्दे एवं चुनौतियां पर हुई चर्चा
जौनपुर. सहकारी पी.जी कालेज मिहरावां में इंडियन काउंसिल ऑफ सोशल साइंस रिसर्च (आईसीएसएसआर) द्वारा प्रायोजित दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी भारत में नगरीकरण : विकसित भारत के संदर्भ में मुद्दे एवं चुनौतियां का आयोजन किया गया। संगोष्ठी में देश के विभिन्न भागों से आये वक्ताओं और प्रतिभागियों ने अपने विचार प्रस्तुत किये.
संगोष्ठी के उद्घाटन सत्र में बतौर मुख्या अतिथि वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. वन्दना सिंह ने नगरीकरण के बढ़ते विस्तार के परिप्रेक्ष्य में शहरी विकास तथा सतत विकास के मुद्दे पर विचार व्यक्त किये एवं शहरों के परिप्रेक्ष्य को प्रकृति से जोड़ने तथा शहरों को संपोषणीय बनाने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि नगरीकरण पर्यावरण को ध्यान में रख कर किया जाना चाहिए. विशिष्ट अतिथि प्रो ए. आर. सिद्दकी अध्यक्ष, आईजीआई , इलाहाबाद विश्वविद्यालय तथा महात्मा गाँधी कशी विद्यापीठ के पूर्व कुलपति प्रो पृथ्वीश नाग ने भी अपने विचार व्यक्त किये.
प्रबंधक सहकारी पी जी कालेज मिहरावां राजीव कुमार सिंह, डा. अरविंद कुमार सिंह प्राचार्य उद्घाटन सत्र में संबोधित किया.
भूगोल विभाग की विभागाध्यक्ष प्रो मुक्ता राजे ने विषय प्रवर्तन तथा मंच संचालक प्रो पुष्पा सिंह ने किया। संगोष्ठी में प्रो मुक्ता राजे द्वारा लिखित पुस्तक भौगोलिक चिंतन का विमोचन हुआ. संगोष्ठी का अध्यक्षीय उद्बोधन डा० प्रमोद कुमार सिंह तथा धन्यवाद ज्ञापन डॉ राज बहादुर यादव ने संपन्न किया। संगोष्ठी के प्रथम सत्र में प्रो प्रो ए. आर. सिद्दीकी ने शहरीकरण में नवीन चुनौतियों और समाधान दोनों के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस तथा इंटरनेट आफ थीम्स के विषय पर प्रो अविनाश पाथर्डीकर ने शहरीकरण का प्रभाव परिवार व संस्कृति पर, प्रो किरण सिंह ने भारतीय शहरों में प्राकृतिक संसाधनों के सतत व वहनीय प्रयोग तथा समस्याओं पर तथा प्रो सरफराज आलम ने नव उदारीकरण के शहरों पर पड़ने वाले प्रभावों के विषय में गंभीर चिंतन प्रस्तुत किया.
फोटो- संगोष्ठी में भौगोलिक चिंतन पुस्तक का विमोचन करतीं कुलपति एवं अन्य अतिथि
Leave a comment