पूर्वांचल क्षेत्र में शिक्षा, रोजगार पर विशेष ध्यान देने की जरूरतः डॉ . दीक्षित
• पूर्वांचल विकास बोर्ड की बैठक में शिक्षाविदों ने किया प्रतिभाग
जौनपुर। वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय जौनपुर के तरफ से नामित शिक्षाविदों ने गोंडा जनपद के जिला पंचायत सभागार में पूर्वांचल विकास बोर्ड की बैठक में प्रतिभाग कर विचार व्यक्त किया.
वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय की ओर से राज्यपाल नामित कार्य परिषद सदस्य डॉ. जगदीश दीक्षित ने क्षेत्रीय विकास और शिक्षा के उन्नयन के विभिन्न पहलुओं पर विस्तार से चर्चा की। उन्होंने कहा कि पूर्वांचल क्षेत्र में शिक्षा, रोजगार और बुनियादी ढांचे के विकास पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है, ताकि यहां की जनसंख्या को बेहतर जीवन स्तर और अवसर प्रदान किए जा सकें। स्थानीय मांग का आकलनः पहले क्षेत्र की कृषि उत्पादन और भंडारण की जरूरतों का सर्वेक्षण व्यापक पैमाने पर कराया जायें।
डॉ. दीक्षित ने कहा कि सहकारी समितियों और निजी निवेशकों के साथ मिलकर गोदाम निर्माण के लिए योजना बने। यह योजना ग्राम स्तर तक होनी चाहिए। सरकार या निजी भागीदारी द्वारा जो भी अन्य गोदाम बनाये जाएँ जहाँ साधन आसानी से पहुंच सके, चौड़ी सड़कें हो पार्किंग की समुचित व्यवस्था हो तथा ये गोदाम ऊंचे स्थानों पर बनाये जाये जिससे सीलन न लग सके। उन्होंने कहा कि वित्तीय सहायता सरकार की ओर से अनुदान या सस्ते ऋण की सुविधा उपलब्ध कराकर छोटे किसानों को गोदाम निर्माण के लिए प्रोत्साहित किया जाना चाहिए। आधुनिक भंडारण तकनीकों का उपयोग करें ताकि फसल की गुणवत्ता बनी रहे और नुकसान कम हो । डॉ. दीक्षित ने इस बात पर जोर दिया कि वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय को एक शैक्षणिक केंद्र के रूप में और मजबूत किया जाना चाहिए। श्री दीक्षित ने कहा कि पूर्वांचल क्षेत्र में कृषि और छोटे उद्योगों को बढ़ावा देना भी एक महत्वपूर्ण कदम होगा। बैठक में टीडी पीजी महाविद्यालय जौनपुर के कृषि संकाय के प्रो. नलिन कुमार मिश्रा ने कहा कि पूर्वांचल के समग्र विकास के लिए शिक्षा, स्वास्थ्य, कृषि और उद्योग के क्षेत्रों में समन्वित प्रयास जरूरी हैं, ताकि क्षेत्र को प्रगति के नए आयामों तक पहुंचाया जा सके। सरकार द्वारा चलाई गई सौर ऊर्जा योजना का लाभ उठाने के लिए किसानों को प्रोत्साहित किया जा सकता है, जिससे वे अपने खेतों में सौर पैनल लगाकर सस्ती और स्थायी ऊर्जा का उपयोग कर सकें तथा जो भी कृषक सौर ऊर्जा का पंप लगाकर सिंचाई का कार्य करना चाहते हैं उनको निःशुल्क बोरिंग एवं सौर ऊर्जा पंच सरकार द्वारा मुहैया कराया जाय। साथ ही किसानों को आधुनिक कृषि उपकरणों का उपयोग करने के लिए प्रोत्साहित किया जा सकता है, जिससे वे अपनी फसलों की उत्पादकता बढ़ा सकें और कम समय में अधिक काम कर सकें। आधुनिक कृषि यंत्रों जैसे फसलों की कटाई, मड़ाई, धान की रोपाई का संयंत्र और रोटावेटर आदि के लिए 4% की ब्याज की दर से ऋण की सुविधा प्रदान की जायें तथा भारी मात्रा में इन संयंत्रों की खरीद के लिए सब्सिडी दी जाए, खेतों में सिवाई के लिए ड्रिप झरीगेशन के लिए प्रोत्साहित किया जायें और इस पर उन्हें सब्सिडी दी जाए इससे जल का अपव्यय कम होगा। पूर्वांचल विकास बोर्ड के उपाध्यक्ष नरेंद्र सिंह एवं विशेष सचिव योजना पुलकित खरे मंचासीन रहे । विश्वविद्यालय की तरफ से प्रो. शिशिर कुमार सिंह, डॉ. राजेश पाल, प्रो. अवधेश कुमार सिंह, प्रो. आर एन ओझा भी प्रतिभाग किये।
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