नेता बोले- दस साल में कुछ नहीं किया तो अब क्या करेंगे कांग्रेस व इंडिया गठबंधन ने खोला नाकामियों का पिटारा
सौ दिन पूरे होने पर विपक्ष के निशाने पर आई NDA सरकार
•विपक्ष बोला- मोदी सरकार ने सिर्फ विवाद ही दिये, हर मामले में नाकाम
•नीट परीक्षा, आतंकी हमला महिलाओं पर बढ़ते अत्याचार पर मोदी सरकार को घेरा
नई दिल्ली। एनडीए सरकार ने सोमवार को 100 दिन पूरे किए। जहां केंद्र की मोदी सरकार उपलब्यिों के बड़े-बड़े दावे कर रही है वहीं विपक्ष ने कहा है कि दस साल में तो कुछ किया नहीं 100 दिन के बारे में क्या कहा जाए। विपक्ष ने तीखा प्रहार कहते हुए कहा कि सौ दिनों में केवल विवाद ही तो दिया है मोदी सरकार ने। कांग्रेस समेत इंडिया गठबंधन के अन्य सदस्य दलों ने कहा कि सौ दिनों में नीट परीक्षा धांधली, जम्मू-कमश्मीर में जवानों के शहीद करवाने में अहम भूमिका निभाई है।
घाटी में आतंकी घटनाओं में इजाफा, मणिपुर में हिंसा का बढ़ता दायरा, महिलाओं के ऊपर दुराचार के मामले व दस साल में बनी विकास की योजनाओं में घटिया निर्माण भाजपा की सरकार की एकमात्र उपलब्धि है। विपक्ष ने कहा कि पूरी सरकार नाकाम रही है। कांग्रस नेता सुरेन्द्र राजपूत ने कहा सरकार मु्द्दो पर बात करे विषयांतर न करे आतंकवाद पर बात करे। हमारे जवान शहीद क्यों हो रहे हैं इस पर बात करे। क्या होगा इस पर बात न करे, हमने 10 साल से आपके जुमले बहुत देखे हैं। उधर सियासी गलियारें में यही चर्चा है कि नई सरकार की भावी कार्यशैली रीति-नीति में कई तरह के बदलाव के कयास लगाए जा रहे थे, लेकिन पहले सौ दिनों में नीतिगत स्तर पर कोई बदलाव नहीं दिखा।
सरकार ने 100 दिनों के प्रदर्शन का ब्योरा जारी किया
सरकारी सूत्रों ने मोदी 3.0 के पहले 100 दिनों के प्रदर्शन का ब्योरा जारी किया, जिसमें बताया गया कि इस अवधि के दौरान 15 लाख करोड़ रुपये की परियोजनाओं को मंजूरी दी गई है। उन्होंने कहा कि पहली बार जब परियोजनाएं शुरू की गईं, तो उनके उद्घाटन की तारीखों की घोषणा भी एक साथ की गई। सूत्रों ने यह भी सुझाव दिया कि इन 100 दिनों में शुरू की गई बुनियादी ढांचा परियोजनाओं की परिकल्पना काफी पहले से की गई थी, क्योंकि अधिकारियों को एनडीए सरकार के तीसरे कार्यकाल की शुरुआत से पहले 100 दिन का रोडमैप तैयार करने का निर्देश दिया गया था।
कई मुद्दों पर विपक्ष कर रहा तीखे सवाल
अपने पिछले दो कार्यकालों के उलट एनडीए सरकार को अपने कुछ फैसलों को वापस लेने के लिए विपक्ष की कड़ी आलोचना झेलनी पड़ रही है। इनमें सिविल सेवाओं में 45 डोमेन एक्सपर्ट्स की भर्ती के लिए विज्ञापन वापस लेना, रियल एस्टेट के दीर्घकालिक पूंजीगत लाभ पर इंडेक्सेशन लाभ बहाल करना शामिल है, वहीं ब्रॉडकास्ट बिल के एक मसौदे को भी वापस ले लिया गया ह., क्यों कि यह चिंता उठ रही थी कि इसका मकसद ऑनलाइन कंटेंट पर ज्यादा कंट्रोल करना है।
ढांचागत परियोजनाओं को आगे बढ़ाया : मंत्री
सरकार के वरिष्ठ मंत्री ने कहा कि तीसरी बार सत्ता में आने के बाद मंत्रिमंडल के विभाग बंटवारे, भविष्य की नीति और कार्यशैली में बदलाव की बात कही जा रही थी। लेकिन पहले सौ दिन में हमने साबित कर दिया है कि नीतिगत मामलों में किसी तरह के बदलाव का सवाल ही नहीं उठता। इस संदर्भ में दस साल से जारी पुरानी नीतियां पहले की तरह बदस्तूर जारी रहेंगी। सरकार ने सड़क, रेल, बंदरगाह और हवाई मार्ग से जुड़े क्षेत्र में तीन लाख करोड़ की परियोजनाओं को मंजूरी दी है। इनमें महाराष्ट्र के वधावन को भविष्य में दुनिया के दस शीर्ष बंदरगाहों में शामिल कराने के लिए 76,200 करोड़ की लागत से मेगा पोर्ट बनाना शामिल है। टोले-माजरे और कम जनसंख्या वाली जगहों में 62,500 किमी सड़क निर्माण के लिए 49,000 करोड़, अन्य सड़क नेटवर्क के लिए 50,600 करोड़ की योजना को मंजूरी मिली। 936 किमी के आठ हाई स्पीड रोड कॉरिडोर, 8 नई रेलवे लाइन सहित कई नए एयरपोर्ट, मेट्रो निर्माण या विस्तार से जुड़ी परियोजनाएं आगे बढ़ीं। सौ दिन के एजेंडे में पूरब सहित अन्य कमजोर राज्यों को नीतियों और योजनाओं के केंद्र में लाया गया। बिहार, ओडिशा, झारखंड, पश्चिम बंगाल और आंध्रप्रदेश के सर्वांगीण विकास के लिए पूर्वोदय योजना की शुरुआत की गई। लद्दाख में पांच नए जिले बनाए गए। शहरी बाढ़ प्रबंधन, ग्लेशियल से निपटने के लिए 6,350 करोड़ की परियोजनाएं शुरू की गईं।
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