घोसी में फंस गए पूर्व मंत्री दारा सिंह चौहान, पूर्व सपा विधायक ही बन रहे चुनौती
मऊ। योगी सरकार से ऐन चुनाव के मौके पर बगावत कर सपा में शामिल होने वाले अति पिछड़े चौहान समुदाय के नेता पूर्व वन मंत्री दारा सिंह चौहान को विधानसभा में पहुंचने से रोकने के लिए सत्तारूढ़ दल उन्हें दगाबाज करार दे रहा है और जनता से उन्हें वोट नहीं देने की अपील कर रहा है। इस बीच उन्हें समाजवादी पार्टी के ही कुछ नेताओं से चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है।
स्वामी प्रसाद मौर्य की तरह ही छोड़ी भाजपा
जनवरी माह में स्वामी प्रसाद मौर्य की तरह ही दारा सिंह चौहान ने भी भाजपा पर पिछड़ों-दलितों की उपेक्षा का आरोप लगाकर राज्य सरकार के वन व पर्यावरण मंत्री के पद से इस्तीफ़ा देकर समाजवादी पार्टी का दामन थाम लिया। सपा ने उन्हें मऊ जिले की घोसी सीट से उम्मीदवार बनाया है और चौहान अपनी सभाओं में भाजपा को दलितों- पिछड़ों का विरोधी बताकर हमला कर रहे हैं।
अभी मैं चुप हूं 10 मार्च के बाद लूंगा फैसलाः सुधाकर सिंह
घोसी विधानसभा क्षेत्र में दारा सिंह के मुकाबले भाजपा ने मौजूदा विधायक (उप चुनाव में जीते) विजय राजभर, बहुजन समाज पार्टी ने वसीम अहमद चुन्नू और कांग्रेस ने प्रियंका यादव को उम्मीदवार बनाया है। मऊ जिले में सात मार्च को मतदान होगा। चुनाव में रुख पूछे जाने पर मऊ के मधुबन (परिसीमन से पहले नत्थूपुर) और घोसी क्षेत्र से विधायक रह चुके सुधाकर सिंह ने पीटीआई-भाषा से कहा कि अभी मैं चुप हूं और 10 मार्च के बाद राष्ट्रीय अध्यक्ष (अखिलेश यादव) से बातचीत के बाद अपना अगला फैसला लूंगा।
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