खनन कार्यों पर विभाग रख रहा है पैनी नजर:डॉ रोशन जैकब
लखनऊ: 15 जून, भूतत्व एवं खनिकर्म विभाग के निदेशक डॉ रोशन जैकब ने कहा कि योजनाबद्ध प्रयासों से प्रदेश में खनन संबंधी कार्यों में आई पारदर्शिता आयी है। खनन से अधिक से अधिक राजस्व बढ़ाने की सतत् रूप से कार्यवाही की जा रही है और प्रदेश को वन ट्रिलियन डालर की अर्थव्यवस्था बनाने में खनन विभाग भी अपना अच्छा योगदान दे इसके लिए विभाग अभिनव प्रयास कर रहा है। ईज आफ डूइंग बिजनेस के तहत खनन कारोबार को बढ़ावा देने के हर संभव प्रयास किये जा रहे हैं
उपभोक्ताओं को उप खनिजों की उपलब्धता उचित दरों पर और आसानी से उपलब्ध कराना विभाग का मुख्य उद्देश्य है।डा0जैकब ने कहा कि ओवरलोडिंग और अवैध खनन /परिवहन पर प्रभावी अंकुश लगाया जा रहा है और इसके लिए विभागीय अधिकारी, खनन हितधारक (स्टेट होल्डर) , पट्टाधारक, और खनन कारोबारियों को मिलकर, और आपस में समन्वय व तारतम्य बनाकर कार्य करना होगा। खनन कार्यों पर विभाग पैनी नजर रख रहा है। अवैध खनन/परिवहन पर नियंत्रण के लिए अत्याधुनिक सर्विलांस सिस्टम व तकनीकी का प्रयोग किया जा रहा है।
डा ०रोशन जैकब गत दिवस खनन कार्यों को बढ़ावा देने तथा उनकी पर्याप्त उपलब्धता उचित दरों पर सुनिश्चित कराने के उद्देश्य से खनन निदेशालय में आयोजित बैठक की अध्यक्षता कर रही थी, जिसमें प्रदेश के विभिन्न जिलों से खान अधिकारी/ खान निरीक्षक के अलावा बड़ी संख्या में स्टेकहोल्डर्स, खनन कारोबारी मौजूद रहे ।कई राज्यों के खनन कारोबारी भी इस मीटिंग में वर्चुअल रूप से जुड़े रहे। जैकब ने कहा कि हमें खनन कार्यों को बढ़ावा भी देना है और इससे अधिक से अधिक लोगों को रोजगार भी उपलब्ध कराना है खनन कारोबारियों की समस्याओं व नीति में संशोधन हेतु भी विचार विमर्श किया गया। स्टेकहोल्डर्स द्वारा मीटिंग में कई सुझाव भी दिए गए । स्टेकहोल्डर्स ने सुझाव दिया कि खनिजों का परिवहन करने वाले वाहनों की भार वहन क्षमता एक समान निर्धारित की जाए, खनिजों की वार्षिक रायल्टी प्रतिवर्ष 10ः बढ़ जाती है ,जिससे समाप्त किया जाए, ।खनन पट्टा समर्पण की प्रक्रिया को और अधिक पारदर्शी किये जाने एवं सिक्योरिटी धनराशि को वापस किए जाने हेतु समय निर्धारित किए जाने का सुझाव दिया । स्टेकहोल्डर्स ने भंडारण की अवधि को बढ़ाने व छोटे उद्यमियों को बढ़ावा देने हेतु नदी तल में उपलब्ध बालू/मोरम के बड़े खनन पट्टों के स्थान पर मध्यम /छोटे खनन पट्टे एवं उनकी अवधि 5 वर्ष के स्थान पर 3 वर्ष किए जाने का सुझाव दिया।
खनन निदेशक डा रोशन जैकब द्वारा खनन कारोबारियों (स्टेक होल्डर्स)की समस्याओं को विस्तार से सुनने के उपरान्त कहा कि खनिजों की ओवर लोडिंग को नियंत्रित किया जाना अति आवश्यक है। सभी पट्टाधारक एकजुट होकर शासन द्वारा निर्धारित क्षमता में लोडिंग करें ,तभी आपको एवं ट्रान्सपोर्टस को भी लाभ होगा ,साथ ही खनिजों की चोरी भी नियंत्रित हो पायेगी। सभी पट्टाधारक एक जुट हों और यदि कोई पट्टाधारक निर्धारित मानक का उल्लंघन करे, तो अगल-बगल के पट्टाधारक स्वयं उसकी अपर निदेशक खनन श्री विपिन कुमार जैन के वाट्सऐप नम्बर पर उसकी फोटो तथा वीडियो रिकार्डिंग उपलब्ध कराये, तो सम्बन्धित के विरूद्व तत्काल जॉच सम्बन्धित के विरूद्ध कार्यवाही सुनिश्चित की जायेगी।
डा०रोशन जैकब ने निर्देश दिए कि यमुना नदी में खनिजों की उपलब्धता के सम्बन्ध में रजिस्टर्ड एजेन्सियों से सर्वे कराकर सर्वे रिपोर्ट प्राप्त कर, खनन पट्टों के व्यवस्थापन की कार्यवाही सुनिश्चित की जाय ।कहा कि खनिजों के भण्डारण की अवधि 3 वर्ष है, जिसे तीन श्रेणियों जैसे-3 वर्ष-5 वर्ष एवं 10 वर्ष किये जाने हेतु मुख्यालय स्तर से प्रस्ताव उपलब्ध कराया जाय। यह भी निर्देश दिए कि नदी तल में उपलब्ध बालू/ मौरम के खनन पट्टों की अवधि 5 वर्ष के स्थान पर 2-3 वर्ष किये जाने हेतु नीति में संशोधन विषयक प्रस्ताव तैयार कराया जाय।
अपर निदेशक भूतत्व एवं खनिकर्म विभाग श्री विपिन कुमार जैन ने निर्देश दिए कि एन०जी०टी० द्वारा प्राप्त निर्देशों के अनुपालन हेतु सभी पट्टाधारक रिप्लेशमेन्ट स्टडी शीघ्र प्राथमिकता के आधार पर करा लें ।कहा कि सभी पट्टाधारक उनके खनन क्षेत्र में स्थापित वे ब्रिज एवं पी०टी०जेड० कैमरों को विभागीय एकीकृत कमाण्ड सेन्टर से कनेक्ट करा लें और यदि कोई समस्या आ रही है, तो कमाण्ड सेन्टर के कार्मिकों से सम्पर्क करके, उसका निदान करायें ।जनपदों में स्वीकृत क्षेत्र के बाहर किसी भी दशा में खनन न हो ,इसके लिए सभी पट्टाधारक अपने स्वीकृत क्षेत्र में सीमा स्तम्भ भी आवश्यक रूप से लगाना सुनिश्चित करें।
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