विद्युत कर्मचारी ऊर्जा परिवार के अभिन्न अंग : ऊर्जा मंत्री
लखनऊ: 08 अप्रैल, प्रदेश के नगर विकास एवं ऊर्जा मंत्री ए0के0 शर्मा ने कहा कि सरकारी कर्मचारियों की भांति विद्युत कर्मियों को भी कैसलेस इलाज की सुविधा मिले, इसके लिए प्रस्ताव बनाया जा रहा है। कार्मिकों की एसीपी की विसंगतियां दूर हों तथा सभी संविदा कर्मियों के मानदेय में एकरूपता बने, इसके लिए भी प्रयास किये जायेंगे। विद्युत कर्मियों की दुर्घटना में आकस्मिक मृत्यु पर उनकी क्षतिपूर्ति को 05 लाख रुपये से बढ़ाने पर विचार किया जायेगा। विद्युत कर्मियों को भी बीमा का लाभ मिले इन सभी मामलों पर विचार करके एवं आपसी संवाद से कार्मिकों के हित में निर्णय लिया जायेगा। कहा कि विद्युत कर्मचारी संघर्ष समिति के साथ 03 दिसम्बर, 2022 को हुए समझौते के कुछ बिन्दुओं को पूरी तरह से लागू करना संभव नहीं होगा। उन्होंने विगत एक वर्षों में विद्युत कर्मियों द्वारा विभाग हित में किये गये परिश्रम की सराहना की और कहा कि उनकी बदौलत आज विद्युत इकाइयां 08 प्रतिशत की ज्यादा पीएलएफ क्षमता से कार्य कर रहीं। विभाग के एटीएस लॉस में 05 प्रतिशत की कमी आयी, जो कि पहले 31 प्रतिशत थी। राजस्व वसूली में भी वृद्धि हुई है और बिजली उत्पादन भी 13.39 प्रतिशत बढ़कर 39691 मिलियन यूनिट हुआ है, जो कि प्रशंसनीय है।
ऊर्जा मंत्री ए0के0 शर्मा आज डालीबाग के गन्ना संस्थान में आयोजित उ0प्र0 विद्युत मजदूर पंचायत के 24वें सम्मेलन में बतौर मुख्य अतिथि बोल रहे थे। उन्होंने विद्युत कर्मचारियों को ऊर्जा परिवार का अभिन्न अंग बताया। कहा कि परिवार के उत्सव में परिवार के मुखिया के रूप में ऊर्जा मंत्री का शामिल होना जरूरी रहा। उन्होंने सभी विद्युत कर्मी को ऊर्जा परिवार का अभिन्न अंग बताते हुए, आपसी संवाद से समस्याओं का निदान करने की बात कही और कहा कि सभी एक साथ मिलकर जनता की सेवा करेंगे। विद्युत कर्मियों की जायज एवं सार्थक मांगों पर सरकार विचार करेगी और उनके कार्यों से उन्हें सम्मानपूर्ण जीवन जीने का अवसर मिलेगा।
इस दौरान उन्होंने विद्युत कर्मियों का बेवजह उत्पीड़न न होने देने का आश्वासन दिया। उन्होंने कहा कि उच्च न्यायालय एवं प्रदेश सरकार के नीतिगत निर्णयों के आधार पर ही हड़ताल के दौरान चिन्हित किये गये विद्युत कर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की जायेगी। कोई भी विद्युत कर्मी विद्युत व्यवधान करने का प्रयास न करे और जनजीवन को प्रभावित न होने दे। विद्युत व्यवधान करके जनता को बेवजह परेशान करना महापाप है। ऐसा घोर पाप न करें। विद्युत आपूर्ति जीवन का आधार बन गई है एवं हर किसी के लिए बहुत आवश्यक है। विद्युत व्यवधान किसी भी रूप में स्वीकार नहीं होगा। उन्होंने विद्युत कर्मियों के हड़ताल के दौरान उत्पन्न परिस्थितियों एवं समस्याओं को दृष्टिगत रखते हुए कहा कि जिस डाल पर बैठे हो, उसी डाल को कटोगे, तो कभी भी सुखी नहीं रहोगे।
ए0के0 शर्मा ने कहा कि विद्युत विभाग के ऊपर इस समय 82 हजार करोड़ रुपये का लोन है और 01 लाख करोड़ रुपये के घाटे में चल रहा है।ऐसे में ऋण लेकर घी पीना विद्युत कर्मियों की सेहत के लिए ठीक नहीं होगा। विभाग घाटे में होने से किसी को भी कोई फायदा नहीं होगा। इस आर्थिक संकट से विभाग को उबारना आवश्यक है। विद्युत विभाग को लाभ की श्रेणी में लायें और अपनी जायज मांगों के समाधान के लिए संवाद का रास्ता अपनायें। विद्युत आपूर्ति बहुत ही महत्वपूर्ण सेवा है, भविष्य में कभी भी विद्युत व्यवधान करने का दुष्साहस न किया जाये, यही अपील है।
श्री शर्मा ने कहा कि हड़ताल के दौरान कर्मियों का दुष्साहस ऐसा रहा कि विद्युत व्यवधान के लिए जानबूझकर राष्ट्रीय सम्पत्ति को नुकसान पहंुचाया गया और यहां तक कि मा0 उच्च न्यायालय में इस संबंध में पीआईएल करने वाले वकील के घर की भी बिजली काटी गई। कहा कि उत्तर प्रदेश में सबसे ज्यादा विद्युत कर्मियों की मृत्यु, विद्युत दुर्घटनाओं में हो रही, जो कि काफी पीड़ादायक है। नई तकनीक का सहारा लेकर इस आकस्मिक मृत्यु को रोकने की समस्या का समाधान किये जाने के प्रयास हों। विद्युत कर्मियों के ऊपर जानबूझकर व गलती से हुई कार्रवाइयों की जांच कराकर दूर किया जायेगा। विद्युत कर्मी देश, समाज एवं लोगों की सेवा के लिए अपने दायित्वों के निर्वहन में कहीं पर भी चूक न करें। सभी कार्मिकों की सुख-सुविधाओं का ख्याल रखा जायेगा और उनकी विसंगतियों को दूर करने का प्रयास किया जायेगा।
सम्मेलन में मुख्य अभियन्ता हाईडिल ए0के0 श्रीवास्तव, विद्युत मजदूर पंचायत के अध्यक्ष बी0सी0 उपाध्याय, महामंत्री गिरीश कुमार पाण्डेय, राजनारायाण सिंह, पी0एन0 तिवारी, नरेश चन्द्र शर्मा, निर्भय नारायण, डॉ0 आर0बी0 सिंह, हिन्द मजदूर संघ के महामंत्री उमाशंकर मिश्र, विद्युत अभियन्ता संघ के अध्यक्ष राजीव सिंह सहित प्रदेश भर से आये संगठन के अन्य प्रतिनिधि मौजूद थे।
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