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प्रधानमंत्री मत्स्य सम्पदा योजनान्तर्गत परियोजनाओं हेतु लगभग 75 हजार आनलाइन आवेदन प्राप्त

लखनऊ: 15 नवम्बर,  प्रदेश के मत्स्य विकास विभाग के कैबिनेट मंत्री डा0 संजय कुमार निषाद ने आज यहां मुख्यभवन स्थित अपने कार्यालय कक्ष में मत्स्य विभाग की समीक्षा की और अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिये। उन्हांेने कहा कि उ0प्र0 को मत्स्य उत्पादन के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाना और मछुआ समुदाय का सर्वांगीण विकास करना राज्य सरकार की प्राथमिकताओं में से है। उन्होंने प्रधानमंत्री मत्स्य सम्पदा योजनान्तर्गत वर्ष 2022-23 में लाभार्थियों के चयन हेतु विस्तृत दिशा-निर्देश निर्गत किये जाने के निर्देश दिये ताकि यथाशीघ्र जनपदों में लाभार्थी चयन की कार्यवाही सम्पन्न की जा सके। मत्स्य विभाग के प्रबन्धीन जलाशयों के सम्बन्ध में नयी नीति का निर्धारण किया गया है, जिसे शीघ्र ही लागू कराया जायेगा।

समीक्षा बैठक में बताया गया कि वित्तीय वर्ष 2022-23 में परियोजनाओं हेतु लगभग 75 हजार आनलाइन आवेदन प्राप्त हुए हैं जो विगत वर्ष की तुलना में 10 गुना अधिक हैं। लगभग 16 विभिन्न योजनाओं में महिला, अनुसूचित जाति/जनजाति को 60 प्रतिशत तथा सामान्वर्ग को 40 प्रतिशत अनुदान धनराशि देकर विभिन्न मात्स्किीय गतिविधियों में लाभ दिलाया गया है। मत्स्य विकास मंत्री ने मत्स्य पालन एवं कृषि उत्पादन को एक साथ (एक्वापोनिक्स) और उ0प्र0 में नवीनतम तकनीकी सुविधायें मुहैया कराने के संबंध में विस्तृत दिशा-निर्देश यथाशीघ्र जारी किये जाने हेतु अधिकारियों को निर्देशित किया है।

मत्स्य विकास मंत्री डा0 संजय निषाद ने कहा कि मत्स्य क्षेत्र के भूमिहीन मछुआरों को किसान क्रेडिट कार्ड के माध्यम से भी लाभान्वित कराया गया है। उन्होंने मत्स्य क्षेत्र के सभी भूमिहीन मछुआरों को केसीसी के माध्यम से ऋण मुहैया कराने हेतु दिशा-निर्देश देते हुए कहा कि इस हेतु किसी जमानत की आवश्यकता नहीं होगी।

डा0 निषाद ने कहा कि मत्स्य विभाग उत्तर प्रदेष में संचालित नयी योजना यथा-मत्स्य पालक कल्याण कोश, निषादराज बोट योजना तथा मुख्यमंत्री मत्स्य सम्पदा योजना के संबंध में कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। शीघ्र ही इसे अंतिम रूप दे दिया जायेगा।

मत्स्य विकास मंत्री ने कहा कि प्रदेश को मत्स्य उत्पादन के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने के लिए संचालित सभी योजनाओं को युद्ध स्तर पर संचालित किया जाए ताकि मछुआ समुदाय के प्रत्येक व्यक्ति को योजनाओं का पूरा लाभ मिल सके। इसके साथ ही अनुपयुक्त जलक्षेत्र जैसे वेटलैण्ड, खारापानी जलक्षेत्र, जलाशय व नदियों को मत्स्य विकास कार्यक्रम से आच्छादित करने तथा प्रदेश के मछुआरों व मत्स्य पालकों के जीवन में आर्थिक सुधार लाने हेतु कल्याणकारी योजनाओं को प्राथमिकता दी जाए। मत्स्य मंत्री ने आगामी 21 नवम्बर को विश्व मात्सियकी दिवस के अवसर पर राज्य एवं जनपद स्तर पर वृहद रूप से कार्यक्रम आयोजित करने के भी निर्देश दिये।

समीक्षा बैठक में मत्स्य विकास विभाग के विशेष सचिव व निदेशक प्रशांत शर्मा, संयुक्त निदेशक एम0एस0 रहमानी, उपनिदेशक विजय चौरसिया, उपनिदेशक मोनिशा तथा अन्य वरिष्ट विभागीय अधिकारी उपस्थित थे।


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