वर्ष 2022-23 के लिए 1.50 लाख करोड़ रु0 राजस्व संग्रह के लक्ष्य के साथ मिशन मोड में नियोजित प्रयास किये जाए
लखनऊ: 06 जुलाई, 2022उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि समेकित प्रयासों से प्रदेश में जी0एस0टी0 संग्रह में सतत बढोतरी हो रही है। वर्ष 2021-22 में 98,107 करोड़ रुपये का राजस्व संग्रह जी0एस0टी0, क्षतिपूर्ति व वैट से हुआ। इसे और बेहतर करने की जरूरत है। 2022-23 की पहली तिमाही में हुआ रिकॉर्ड राजस्व संग्रह अब तक के प्रयासों को सही दिशा होने की पुष्टि करते हैं। वर्ष 2022-23 के लिए 1.50 लाख करोड़ रुपये राजस्व संग्रह के लक्ष्य के साथ मिशन मोड में नियोजित प्रयास किये जाएं।
मुख्यमंत्री के समक्ष आज यहां लोक भवन में राज्य कर विभाग का प्रस्तुतिकरण किया गया। उन्होंने कहा कि जी0एस0टी0 कन्जम्प्शन आधारित कर प्रणाली है। राज्य के सकल घरेलू उत्पाद एवं प्रति व्यक्ति आय तथा देश की जी0डी0पी0 की वृद्धि दर के दृष्टिगत ही राजस्व प्राप्ति होती है। अतः कन्जम्प्शन में वृद्धि के लिए नियोजित प्रयासों की जरूरत है। प्रदेश में इसके लिए अनुकूल माहौल है। डीलर बेस में वृद्धि हेतु राज्य कर विभाग द्वारा किये गए प्रयासों के अच्छे परिणाम देखने को मिले हैं। सतत प्रयासों से वर्तमान में जी0एस0टी0 में पंजीकृत व्यापारियों की संख्या 17.44 लाख हो गई है, जो कि देश में सर्वाधिक है। इसे आगामी 01 वर्ष में 30 लाख पंजीकरण तक करने के ठोस प्रयास किए जाएं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि यह सुनिश्चित कराया जाए कि सरकारी विभागों द्वारा संविदाकार को भुगतान करते समय टी0डी0एस0/टी0सी0एस0 की कटौती करके जमा किये जाने वाले विवरण जी0एस0टी0आर0-7 के आधार पर कार्यदायी संस्था का पता लगाकर रिटर्न व देय कर जमा कराया जाए। जी0एस0टी0आर0-7 एवं 3बी के अन्तर के आधार पर टैक्स जमा कराया जाए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राजस्व की चोरी राष्ट्रीय क्षति है। कर अपवंचन/कर चोरी रोकने के लिए सभी जिलों में एक टास्क फोर्स गठित की जाए। ऐसे लोगों को चिन्हित करते हुए सम्बन्धित के खिलाफ छापेमारी की जाए। छापेमारी की कार्यवाही से पूर्व आवश्यक सूचनाएं एकत्रित कर ली जानी चाहिए। पेट्रोल पम्पों पर घटतौली/मिलावट की शिकायत मिलती रहती है। यह भी एक प्रकार की कर चोरी है। यहां औचक छापेमारी कर कार्रवाई की जाए। आवश्यकतानुसार विभाग द्वारा एस0टी0एफ0 अथवा पुलिस के अन्य अनुषांगिक बलों की सहायता भी ली जाए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जी0एस0टी0 की कर प्रणाली में समस्त कार्य ऑनलाइन किए जाने से अनेक प्रकार के डाटा प्रचुर मात्रा में उपलब्ध हैं, जिनका आई0टी0 टूल्स के माध्यम विश्लेषण करते हुए राजस्व संग्रह के लिए प्रयास किया जाना चाहिए। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस टूल्स का भी अधिकाधिक प्रयोग करें।
मुख्यमंत्री ने कहा कि नए पंजीकृत व्यापारी द्वारा हाई वैल्यू के ई-वे बिल जनरेट करने एवं उपयोग किये जाने की प्राथमिकता से जांच कराई जाए। नॉन फाइलर का टर्नओवरवाइज समीक्षा करते हुए रिटर्न दाखिल कराते हुए देय राजस्व को जमा कराया जाए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि व्यापारिक उपयोग के लिए लीज, कोचिंग सेवाओं, बैंक्वेट हॉल, मॉल व बड़े कॉम्प्लेक्स में किराये की सेवा तथा अन्य सेवाओं पर नियमानुसार कर प्राप्त किया जाए। राजस्व संग्रह के लिए फील्ड स्तर के अधिकारियों से नियमित अंतराल पर सीधा संवाद किया जाए। उन्होंने कहा कि वे स्वयं अगले 15 दिनों के भीतर फील्ड स्तर के अधिकारियों से संवाद करेंगे।
इस अवसर पर मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र, अपर मुख्य सचिव मुख्यमंत्री एस0पी0 गोयल, प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री एवं सूचना संजय प्रसाद, प्रमुख सचिव आवास एवं शहरी नियोजन नितिन रमेश गोकर्ण, आयुक्त वाणिज्य कर मिनिस्टी एस0 सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
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