Education world / शिक्षा जगत

राजकीय में यूपीपीएससी और अशासकीय कॉलेजों में शिक्षा सेवा चयन आयोग करेगा भर्ती

 

▪️नई नियमावली से ही होगी लाइब्रेरियन के पदों पर भर्ती

▪️राजकीय, अशासकीय महाविद्यालयों के लिए बन रहीं दो अलग-अलग नियमावलियां

 
प्रयागराज। प्रदेश के अशासकीय सहायता प्राप्त महाविद्यालयों और राजकीय महाविद्यालयों में नई सेवा नियमावली के तहत लाइब्रेरियन के पदों पर भर्ती की जाएगी। इसके लिए शासन स्तर पर दो अलग- अलग नियमावली तैयार किए जाने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।
प्रदेश के 170 राजकीय महाविद्यालयों में से 110 महाविद्यालयों में लाइब्रेरियन के पद खाली हैं। वहीं, 331 अशासकीय महाविद्यालयों में से तकरीबन 100 महाविद्यालयों में लाइब्रेरियन के पद रिक्त पड़े हुए हैं। इन सभी रिक्त पदों पर भर्ती के लिए नई नियमावली तैयार की जा रही है। राजकीय कॉलेजों में लाइब्रेरियन के पदों पर उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (यूपीपीएससी) और अशासकीय कॉलेजों में नए शिक्षा सेवा चयन आयोग के माध्यम से भर्ती होगी।

राजकीय महाविद्यालयों और अशासकीय महाविद्यालयों में लाइब्रेरियन भर्ती के लिए अलग अलग नियमावली बनाई जाएगी। इसके लिए उत्तराखंड से नियमावली मंगाकर उसका अध्ययन भी किया जा चुका है। वहीं, मध्य प्रदेश और राजस्थान से भी नियमावली मंगाई गई है। अन्य राज्यों की नियमावलियों का अध्ययन किए जाने के बाद ही उत्तर प्रदेश में लाइब्रेरियन भर्ती के लिए नई नियमावली तैयार की जाएगी। नई नियमावली में लाइब्रेरियन को प्रवक्ता पद का कैडर दिया जाएगा या नहीं, यह अभी तय नहीं है। उच्च शिक्षा निदेशालय के सूत्रों के अनुसार अलग-अलग राज्यों की नियमावली में अलग-अलग प्रावधान किए गए हैं। उदाहरण के तौर पर उत्तराखंड में प्रवक्ता और लाइब्रेरियन के पद अलग-अलग हैं। सूत्रों का कहना है कि नियमावली तैयार कर रही समिति
को भी सुझाव दिए गए हैं कि दोनों पदों को अलग-अलग रखा जाए।

सुझाव के साथ यह तर्क भी दिया गया है कि लाइब्रेरियन अगर प्रवक्ता का काम करेगा तो लाइब्रेरी कौन संभालेगा। वहीं, राजस्थान में सरकार ने अशासकीय कॉलेजों के कर्मचारियों और शिक्षकों को राजकीय कॉलेजों में समायोजित करने के बाद अशासकीय कॉलेजों को स्ववित्तपोषित संस्थान का दर्जा दे दिया है। हालांकि, राजस्थान में अशासकीय कॉलेजों की संख्या बहुत कम थी।

उत्तर प्रदेश में सैकड़ों की संख्या में अशासकीय कॉलेज हैं, सो यूपी में इसके लागू होने की उम्मीद नहीं है। फिलहाल अन्य राज्यों की नियमावलियों के अध्ययन के बाद जब राजकीय और अशासकीय कॉलेजों में लाइब्रेरियन भर्ती के लिए दो नई नियमावलियां तैयार की ली जाएंगी, तब भर्ती के लिए विज्ञापन जारी किया जाएगा। नियमावली तैयार होने के बाद यह भी स्पष्ट हो जाएगा कि प्रवक्ता एवं लाइब्रेरियन पद का कैडर एक होगा या अलग- अलग।


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