भूमंडलीकरण के दौर में अलग पहचान बनानी होगीः कुलपति
•यूरोपीय देशों में रोजगार के अवसर ज्यादाः रणवीर सिंह
•पीयू और ई.आई.एफ.ई. के मध्य एमओयू पर हस्ताक्षर
जौनपुर। वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय के आर्यभट्ट सभागार में मंगलवार को दीक्षोत्सव के परिप्रेक्ष्य में एक व्याख्यान का आयोजन किया गया। इसका विषय यूरोपियन कौशल विकास व्यवहार : शिक्षकों और छात्रों के लिए अवसर था। इस अवसर पर बतौर मुख्य अतिथि यूरोप इंडिया फाउंडेशन फार एक्सीलेंस (ई.आई.एफ.ई.) दिल्ली के मैनेजिंग डायरेक्टर रणवीर सिंह ने कहा कि विद्यार्थियों को शिक्षा के प्रति केंद्रित रहना चाहिए। वर्तमान समय मे यूरोपीय देशों में नौकरी के अवसर अधिक है। उन्होंने कहा कि आज के समय में यूरोप में 50 लाख नौकरियां हास्पीटलिटी से संबंधित है। इसे पाने के लिए विद्यार्थियों को अपनी मातृभाषा के साथ-साथ वहां की स्थानीय भाषा का ज्ञान जरूरी है। उन्होंने कहा कि अगर फार्मेसी के क्षेत्र में छात्र आगे बढ़ना चाहते है तो यूरोपीय देशों में उनके लिये अधिक अवसर है। इस दौरान ई. आई. एफ. ई. और पूर्वांचल विश्वविद्यालय के मध्य एक समझौता हस्ताक्षर हुआ। विश्वविद्यालय की ओर से कुलपति ई. आई. एफ. ई. की ओर से संस्था के मैनेजिंग डायरेक्टर ने हस्ताक्षर किया। कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहीं कुलपति प्रो. निर्मला एस. मौर्य ने कहा कि इस तरह के समझौते आगे बढ़ाने के लिए कोशिश होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि भूमंडलीकरण के दौर में यदि हम खुद को सबसे अलग नही बनाएंगे तो हमारी अलग पहचान नही हो पाएगी। इस समझौते से दोनों संस्थाओं के शिक्षक और विद्यार्थियों को कौशल विकास के क्षेत्र में लाभ होगा। संचालन डॉ मनोज कुमार पांडे ने किया। अतिथियों का स्वागत और धन्यवाद ज्ञापन प्रोफेसर अविनाश पाथर्डीकर ने किया। अतिथियों का परिचय डॉ आशुतोष सिंह ने दिया। इस मौके पर परीक्षा नियंत्रक बी. एन. सिंह, प्रो. बीबी तिवारी, प्रो. वंदना राय, प्रो. अजय द्विवेदी, प्रो. देवराज सिंह, प्रो. रजनीश भाष्कर, डॉ मनोज मिश्र, डॉ गिरिधर मिश्र, डॉ राजकुमार सहायक कुलसचिव अजीत सिंह, डॉ प्रमोद कुमार विश्वकर्मा, डॉ रामांशु, प्रो. प्रदीप कुमार, आदि मौजूद रहे।
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