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नई आर्थिक नीति से राष्ट्रीय आय के साथ आर्थिक विषमताएं भी बढ़ी - डॉ.धीरेन्द्र कुमार

- राणा प्रताप पीजी कालेज में  नई आर्थिक नीति पर संगोष्ठी
सुलतानपुर। 'नई आर्थिक नीति से भारत समृद्ध हुआ है। इससे राष्ट्रीय आय में वृद्धि हुई है यद्यपि आर्थिक विषमताएं भी बढ़ी हैं। भारत की नई आर्थिक नीति राव मनमोहन रणनीति का परिणाम थी। नई आर्थिक नीति एक यू टर्न पालिसी थी।'  यह बातें राणा प्रताप स्नातकोत्तर महाविद्यालय के अर्थशास्त्र विभागाध्यक्ष डॉ धीरेन्द्र कुमार ने कहीं।
वह कालेज के संगोष्ठी कक्ष में बाबू धनंजय सिंह स्मृति आंतरिक व्याख्यान माला के अंतर्गत 'भारत की नई आर्थिक नीति' विषय पर आयोजित संगोष्ठी को बतौर मुख्य वक्ता सम्बोधित कर रहे थे।
उन्होंने बताया कि नई आर्थिक नीति के कारण देश में उदारीकरण, निजीकरण और  वैश्वीकरण के आधार पर नीतियां बनाई जाने लगीं। आज भी हम उसी रास्ते पर चल रहे हैं। नई आर्थिक नीति के आने से देश में नई औद्योगिक नीति , नई मौद्रिक नीति और नई राजकोषीय नीति आई जिससे देश की अर्थव्यवस्था में तेजी से सुधार हुआ। हालांकि देश के गरीब , कमजोर और बेरोजगार तबके को इससे निराशा हासिल हुई है।
संगोष्ठी की अध्यक्षता करते हुए प्राचार्य प्रोफेसर दिनेश कुमार त्रिपाठी ने कहा भारत की अर्थव्यवस्था प्राचीन काल से समृद्ध रही है । सत्रहवीं शताब्दी तक भारत दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था वाला देश था । इसके बाद दुनिया की निगाहें देश को लूटने में लग गई थीं । आज जीडीपी के आधार पर भारत दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है।
संगोष्ठी का संचालन असिस्टेंट प्रोफेसर सुनील त्रिपाठी और आभार ज्ञापन संयोजक डॉ आलोक पाण्डेय ने किया। पूर्व प्राचार्य डॉ.एम.पी.सिंह,आंतरिक गुणवत्ता आश्वासन प्रकोष्ठ के निदेशक इंद्रमणि कुमार  समेत समस्त शिक्षक उपस्थित थे।


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