डिप्लोमा इन एलिमेंटरी एजुकेशन (डीएलएड ) का 2020-21 सत्र कोरोना काल में शून्य के कागार पर
सरकारी प्राथमिक और पूर्व माध्यमिक स्कूलों में अध्यापन के लिए अनिवार्य डिप्लोमा इन एलिमेंटरी एजुकेशन (डीएलएड ) का 2020-21 सत्र कोरोना काल में शून्य हो सकता है। नए सत्र का प्रशिक्षण जुलाई में शुरू हो जाना चाहिए था, लेकिन चार माह बीतने के बावजूद प्रवेश प्रक्रिया तक शुरू नहीं हो सकी है। प्रदेश के कई विश्वविद्यालयों में स्नातक के परिणाम भी घोषित नहीं हुए हैं इसलिए प्रवेश प्रक्रिया जल्द शुरू हो ने के आसार भी नहीं है।
यूपी में स्नातक पास अभ्यर्थी ही डीएलएड (पूर्वमें प्रचलित नाम बीटीसी ) में प्रवेश ले सकते हैं, सरकारी और निजी कॉलेजों में डीएलएड की 226200 सीटें हैं। इनमें प्रवेश प्रक्रिया हरसाल मई में शुरू हो जाती है और दो महीने में सारी औपचारिकताएं पूरी कर जुलाई से सत्र शुरू होता है। परीक्षा नियामक प्राधिकारी कार्यालय सूत्रों के अनुसार लगभग एक सेमेस्टरका समय बीत चुका है और अभी प्रवेश प्रक्रिया ही शुरू नहीं हो सकी है।
राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (एनसीटीई) ने 3 जुलाई 2018 को प्राथमिक स्कूलों की शिक्षक भर्ती में बीएड को मान्य किया था। उसके बाद से डीएलएड का क्रेज कम हो गया । डीएलएड करने के बाद अभ्यर्थी सिर्फ प्राथमिक स्कूल की भर्ती के लिए आवेदन कर सकते हैं जबकि बीएड करने के बाद प्राथमिक के साथ ही माध्यमिक स्कूलों की शिक्षक भर्ती में भी मान्य हैं। इसलिए बेरोजगार अब डीएलएड की बजाय बीएड को प्राथमिकता देने लगे हैं
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