Latest News / ताज़ातरीन खबरें
कोरोना वायरस के संक्रमण की आरटीपीसीआर जांच हेतु ली जाने वाली फीस की अधिकतम धनराशि निर्धारित ,आदेश का उल्लंघन एपीडेमिक डिजीज एक्ट 1897 (यथा संशोधित) एवं उत्तर प्रदेश लोक स्वास्थ्य एवं महामारी अधिनियम-2020 की संगत धाराओं के अन्तर्गत होगा दण्डनीय
आजमगढ़ अपर जिला मजिस्ट्रेट (प्रशासन) नरेन्द्र सिंह ने बताया है कि निजि क्षेत्रों की प्रयोगशालाओं में कोरोना वायरस के संक्रमण की आरटीपीसीआर जांच हेतु ली जाने वाली फीस की अधिकतम धनराशि निर्धारित की गयी है तथा निजी चिकित्सालयों द्वारा कोविड-19 से संक्रमित मरीजों के उपचार हेतु दर निर्धारित की गयी है।
उन्होने बताया कि वर्तमान परिस्थितियों के दृष्टिगत निजी क्षेत्र की प्रयोगशालाओं में कोरोना वायरस के संक्रमण की आरटीपीसीआर जांच हेतु निजी चिकित्सालय द्वारा निजी प्रयोगशालाओं को प्रेषित सैम्पल की जांच की दर अथवा किसी व्यक्ति द्वारा प्रयोगशाला पर जाकर कोविड-19 की जांच कराने पर दर रू0 700 (सात सौ रूपये मात्र जीएसटी सहित), निजी प्रयोगशालाओं द्वारा स्वयं एकत्र किये गये सैम्पल की दर रू0 900 (नौ सौ रूपये मात्र जीएसटी सहित) तथा यदि राज्य सरकार के विहित प्राधिकारी द्वारा निजी प्रयोगशालाओं को सैम्पल प्रेषित कराए जाने पर दर रू0 500 (पांच सौ रूपये मात्र जीएसटी सहित) निर्धारित किया गया है। अपर जिला मजिस्ट्रेट (प्रशासन) ने कहा कि यह संज्ञान में आया है कि अभी भी कई निजी चिकित्सालयों द्वारा उक्त निर्धारित दर कन्सल्टेन्सी फीस के अतिरिक्त नर्सिंग केयर, मॉनिटरिंग, विजिट आदि के नाम पर पृथक से अधिक शुल्क लिया जा रहा है, जो एपिडेमिक डिजीज एक्ट, 1897 तथा उ0प्र0 महामारी कोविड-19 विनियमावली, 2020 के अन्तर्गत दण्डनीय है।
निजी चिकित्सालयों द्वारा कोविड-19 के उपचार हेतु लिए जाने वाले शुल्क में आइसोलेशन बेड (ऑक्सीजन एवं सहयोगी सुविधाओं के साथ) हेतु प्रति दिन की दर एनएबीएच एक्रीडेटेड चिकित्सालय के लिए रूपये 10 हजार तथा नॉन-एक्रीडेटेड चिकित्सालयों के लिए रूपये 8 हजार निर्धारित की गयी है, जिसमें कम गम्भीर रोगियों हेतु ऑक्सीजन एवं अन्य आवश्यक सहयोगी उपचार सम्मिलित हैं। आईसीयू बेड (बिना वेन्टीलेटर) हेतु प्रति दिन की दर एनएबीएच एक्रीडेटेड चिकित्सालय के लिए रूपये 15 हजार तथा नॉन-एक्रीडेटेड चिकित्सालयों के लिए रूपये 13 हजार निर्धारित की गयी है। इस श्रेणी में हाइपरटेंशन एवं अनियंत्रित डायबटीज से पीड़ित को-मॉर्बिडिटीज रोगी सम्मिलित है। आईसीयू बेड (वेन्टीलेटर सहित) हेतु प्रतिदिन की दर एनएबीएच एक्रीडेटेड चिकित्सालय के लिए रूपये 18 हजार तथा नॉन-एकीडेटेड चिकित्सालयों के लिए रूपये 15 हजार निर्धारित की गयी है। इस श्रेणी में इनवैसिव मैकेनिकल वेन्टीलेशन तथा नॉन इनवैसिव मैकेनिकल वेन्टीलेशन जैसे-एचएफएनसी एवं BiPAP (Bi-leval Positive Airway Pressure) की आवश्यकता वाले रोगियों का उपचार सम्मिलित है। को-मॉर्बिडिटीज रोगियों का उपचार तथा अल्प अवधि की हीमो डायलिसिस की सुविधा भी पैकेज में सम्मिलित है। उक्त दर निर्धारण में कोविड-19 हेतु आरटीपीसीआर टेस्ट आदि तथा आईएल-6 टेस्ट को सम्मिलित नहीं किया गया है। गर्भवती महिलाओं का प्रसव (नार्मल/सी-सेक्शन) तथा नवजात शिशु के उपचार पर होने वाले व्यय को चिकित्सालय द्वारा आयुष्मान भारत योजना के प्रचलित दर पर अलग से लिया जायेगा। उन्होने कहा कि निजी चिकित्सालयों को कोविड-19 के रोगियों को भर्ती किए जाने हेतु राष्ट्रीय गाइडलाइन्स का अनुपालन करना अनिवार्य होगा।
उक्त आदेश का उल्लंघन एपीडेमिक डिजीज एक्ट 1897 (यथा संशोधित) एवं उत्तर प्रदेश लोक स्वास्थ्य एवं महामारी अधिनियम-2020 की संगत धाराओं के अन्तर्गत दण्डनीय होगा।
Leave a comment