रामकाज करने वाला हनुमान का प्रिय.होता है-स्वामी श्री रामभद्राचार्य केशरी नंदन पवन सुत हनुमान स्वयं शंकर है
कादीपुर सुल्तानपुर ।बिजेथुआ महोत्सव में शामिल श्रद्धालु व हनुमत कथा करते श्री रामभद्राचार्य जी महाराज
हनुमानजी के जल मांगने पर कालिनेमी ने अपना कमंडल दे दिया। जिस पर हनुमानजी को उसके राक्षस होने का आभास हुआ। क्योंकि कोई भी परम्परागत साधु अपना कमंडल, दंड और ठाकुर जी, किसी को नहीं देता यह बातें बिजेथुआ महोत्सव कार्यक्रम में हनुमत कथा का रसपान कराते हुए स्वामी श्रीरामभद्राचार्य जी
महाराज ने कही।
उन्होंने कहा कि कालिनेमी को पहचान कर हनुमानजी ने कहा कि पहले दक्षिणा ले लीजिए फिर मंत्र लेता हूं।
वर्तमान में हनुमान चालीसा में पाँच त्रुटि है, यह त्रुटि तुलसी दास ने नहीं की है, बल्कि बाद में हुई। कांधे मूज जनेऊ साजे नहीं बल्कि कांधे मूज जनेऊ छाजे है। शंकर सुवन की जगह शंकर स्वयं केसरीनंदन होना चाहिए। हनुमान जी ने यही बिजथुआ धाम मे धन्या मालनी नाम की मकड़ी ( घड़ियाल ) का भी मकरी कुंड मे जल पीते समय किया था ,हनुमान जी को प्यास लगी तो वे धाम मे बने मकरी कुंड मे जल पीने के लिए जैसे ही घाट पर पहुंचे की मकड़ी कुंड मे निवास कर रही धन्या मालनी ने हनुमान जी का पैर पकड़ लिया और अपने उद्धार की बात कही तो बिजथुआ महाबीर हनुमान ने उसका भी उद्धार कर दिया । कालांतर मे बिजथुआ महावीर का नाम बिजयस्थ था चुंकि हनुमान ने यही पर कालेनेमी नामक राक्षस का बध कर बिजय पाई थी । बिजयस्थ का अपभ्रन्स बिजथुआ है ।
इस अवसर पर भाजपा जिलाध्यक्ष डा. आर.ए.वर्मा, विधायक राजेश गौतम,सुशील त्रिपाठी,प्रमोद मिश्र,विशाल शुक्ल,धर्मेंद्र मिश्र,डा. सीबीएन त्रिपाठी,डा.इन्दुशेखर उपाध्याय, विजयधर मिश्रा, डा. सुरेंद्र तिवारी, अम्बरीश मिश्र, जगदम्बा उपाध्याय, अँकित पाँडेय, मनोज तिवारी, रामश्याम उपाध्याय आदि शामिल रहे।
इन्सेट में -
विजेथुआ महोत्सव के सँयोजक विवेक तिवारी ने कहा कि उनके पूज्य बाबा की अभिलाषा थी कि मै विजेथुआ धाम व क्षेत्रवासियों के लिए कुछ करूं हनुमानजी ने मुझसे यह कार्य करवा रहे हैं यह मेरा सौभाग्य है।
Leave a comment