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स्वस्थ रहने के लिए योग आयुर्वेद ही क्योॽ

लालगंज आजमगढ     पंडित सुरेश त्रिपाठी योग शिक्षक ने बताया कि                     स्वस्थ रहने के लिए योग आयुर्वेद ही क्योॽ
हमारे देश में योग तथा आयुर्वेद को अपनाकर लोग सैकड़ों वर्षों तक निरोग तथा स्वस्थ जीवन जीते थे। परन्तु विगत कुछ वर्षों से हम आधुनिकता के दौर में जितना अपनी पुरातन चिकित्सा पद्धति से दूर रहने लगे और वर्तमान एलोपैथी चिकित्सा पद्धति पर निर्भर है। उतना ही दिन प्रतिदिन विभिन्न प्रकार के रोगो के चपेट में आकर लोगों की औसत आयु 50से60वर्ष ही रह गई है। यहां तक कि पुराने समय में शूगर ,व्लड प्रेशर , कैंसर, सर्वा- इकल , पीलिया, लीवर सिरोसिस, पथरी, हार्ट अटैक, गठिया, अस्थमा, ल्यूकोरिया , हाइपरटेंशन, एनीमिया ,सोरियासिस, जैसी बहुत सी विमारियो के नामों निशान नहीं थे। परन्तु यदि आज़ हम इनके मुख्य कारणों का यदि गहराई से अध्ययन करें तो यही है कि हम आधुनिकता के दौर में अपने देश की प्राचीन चिकित्सा पद्धति से दूर होना ही है। योग से जुड़े लोगों का जीवन संयमित आहार-विहार एवं आचार विचार शुद्ध तथा सात्त्विक होता है। ऐसे लोग स्वतः स्वस्थ रहने के साथ ही स्वस्थ समाज के निर्माण में भी सहायक होते हैं। वहीं दूसरी ओर आयुर्वेद पर आधारित चिकित्सा पद्धति से इलाज मनुष्य को स्वस्थ रखने के साथ ही आयु में वृद्धि भी करता है। परन्तु एलोपैथी चिकित्सा पद्धति तथा असंयमित जीवन शैली हमारे शरीर में विभिन्न प्रकार के रोगो को जन्म देती है तथा आयु को भी छीड़ करती है। इसलिए योग तथा आयुर्वेद को अपनाकर निरोगी तथा दीर्घ जीवी बनें ।


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