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जब तक राष्ट्रप्रथम की भावना नहीं जगेगी आंतरिक खतरे बने रहेंगे - प्रोफेसर हेमंत कुमार पाण्डेय


सुलतानपुर। जब तक नागरिकों में राष्ट्र सर्वोपरि की भावना नहीं आयेगी तब तक आंतरिक खतरे बने रहेंगे। राष्ट्रीय सुरक्षा में आंतरिक खतरों को नजरंदाज नहीं किया जाना चाहिए ।जनसंख्या असंतुलन और बालश्रम हमारे आंतरिक सुरक्षा लिए बड़ा खतरा बनता जा रहा है। गुणवत्ता परक शिक्षा देकर इसे नियंत्रित किया जा सकता है।
 यह बातें मेरठ कालेज ,मेरठ के रक्षा एवं स्त्रातेजिक अध्ययन विभागाध्यक्ष प्रोफेसर हेमन्त कुमार पाण्डेय ने कहीं। वह राणा प्रताप स्नातकोत्तर महाविद्यालय के पुस्तकालय कक्ष में रक्षा एवं स्त्रातेजिक अध्ययन विभाग द्वारा भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा एवं उसके आंतरिक खतरे विषय पर आयोजित संगोष्ठी को बतौर मुख्य वक्ता सम्बोधित कर रहे थे।
 उन्होंने कहा कि हम देश में योग्य नागरिक नहीं तैयार कर पा रहे हैं इसलिए आंतरिक असुरक्षा बढ़ी है।जब भी हम सिर्फ मुनाफा कमा के दोहन करने वाली योजनाओं को समर्थन देंगे वह भविष्य में हमारी आंतरिक सुरक्षा के लिए खतरा बनेंगी ।अनियोजित विकास का दुष्परिणाम हमारे सामने खतरों के रूप में आयेगा ही इसलिए योजनाओं को बनाने और लागू करने में अत्यंत सतर्कता की जरूरत है। प्रोफेसर पाण्डेय ने बताया कि आतंकवाद,अलगाववाद नक्सलवाद ,जातिवाद,बालश्रम पर्यावरणअसंतुलन , प्रदूषण, धार्मिक दंगे, साइबर अटैक ,भाषा विवाद , क्षेत्रियता आदि भारत में आंतरिक खतरे के जनक हैं।
संचालन डॉ प्रभात श्रीवास्तव, स्वागत विभागाध्यक्ष डॉ हीरालाल यादव व आभार ज्ञापन प्राचार्य प्रोफेसर दिनेश कुमार त्रिपाठी ने किया। इस अवसर पर महाविद्यालय के शिक्षक और विद्यार्थी उपस्थित रहे।


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