दुर्वासा ऋषि धाम का विशाल मेला आज से शुरू, प्रशासन सहित स्वास्थ विभाग मेले में तैनात, यह मेला लाखों की भीड़ का है केंद्र
दुर्वासा मेला। वशिष्ठ मौर्य की रिपोर्ट।दुर्वासा ऋषि धाम पर लगा मेला आजमगढ़ जिले के फूलपुर कोतवाली अंतर्गत एक धाम है जिसका नाम है दुर्वासा ऋषि धाम दुर्वासा ऋषि शिव पुराण के अनुसार भगवान शिव के पुत्र माने जाते थे लेकिन कुछ मान्यताएं के अनुसार इनके पिता का नाम अत्रि मुनि माता का नाम अनुसुइया था दुर्वासा ऋषि तीन भाई थे दत्तात्रेय और चंद्र देव दुर्वासा ऋषि जी छोटी-छोटी बातों में क्रोध में आ जाया करते थे और श्राप भी दे देते थे शिव पुराण के अनुसार उनकी मृत्यु कुरुक्षेत्र के युद्ध में उनके सौतेले भाई अर्जुन के हाथों हुई थी एक बार दुर्वासा ऋषि नदी में नहा रहे थे नहाते समय नदी की धारा में में बह रहे थे इसी समय द्रौपदी ने अपने वस्त्र दुर्वासा ऋषि को दी थी वही वस्त्र ओढ़ कर ऋषि जी पानी से बाहर आए ऋषि जी 12 वर्ष की उम्र में चित्रकूट से आकर इस आजमगढ़ की धरती के फूलपुर कोतवाली क्षेत्र के दुर्वासा ऋषि धाम पर आकर कई वर्षों तक अपनी तपस्या किया यहां पर प्रत्येक वर्ष कार्तिक पूर्णिमा को तीन दिवसीय मेला लगता है लगभग दो से तीन लाख श्रद्धा आकर ऋषि जी के मंदिर में पूजा अर्चना करते हैं और नदी में स्नान भी करते हैं आज के समय में लगभग एक से डेढ़ लाख लोग मेला देखने और पूजा अर्चन करने इस धरती पर आते हैं यहां पर प्रशासन की चुस्त एवं दुरुस्त व्यवस्था होती है कई थानों की पुलिस बल की ड्यूटी लगती है मेले में फूलपुर कोतवाली के कोतवाल शशि चंद जी अपनी ड्यूटी पर तैनात मिले और सरायमीर थाने के क्राइम इंस्पेक्टर सूर्यवंश यादव पवई थाने के दरोगा अनिल कुमार सिंह दीदारगंज से अखिलेश कुमार यादव दरोगा दयानंद और सरायमीर से नीरज दरोगा और पीएसी के जवान कई थानों की पुलिस होमगार्ड पूरे मेले की निगरानी करते रहे मेले की व्यवस्था बहुत ठीक रही पत्रकार एकता संघ के जिला अध्यक्ष बीके मौर्य संगठन मंत्री अशफाक अहमद आजमगढ़ और संगठन के पत्रकार सचिन यादव इंद्राज यादव पत्रकार भाई मेले में जाकर वहां की प्रशासनिक व्यवस्था और कई बिंदुओं को देखकर अपनी खबर कवरेज किये
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