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हरियाणा और जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव संपन्न

उत्तर भारत के दो प्रदेशों हरियाणा और जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव संपन्न होने के बाद आज नतीजे सामने आ चुके हैं। हरियाणा में बीजेपी ने हैट्रिक लगाई है। कांग्रेस को करारी शिकस्त देते हुए एक बार फिर सरकार बनाने जा रही। जम्मू-कश्मीर में नेशनल कॉन्फ्रेंस-कांग्रेस गठबंधन ने जीत दर्ज की है। हरियाणा में तो रूटीन के अनुसार पांच साल बाद विधानसभा चुनाव हुए हैं लेकिन जम्मू-कश्मीर में 10 साल बाद विधानसभा चुनाव हुए हैं। 5 अगस्त, 2019 को केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने जम्मू-कश्मीर से संविधान के अनुच्छेद 370 को निष्प्रभावी कर दिया था। इसके साथ ही, जम्मू-कश्मीर को लद्दाख से अलग करते हुए दोनों को केंद्रशासित प्रदेश घोषित कर दिया गया था। जम्मू-कश्मीर अभी भी केंद्रशासित प्रदेश ही है और इस दर्जे में पहली बार विधानसभा चुनाव हुए हैं।
हरियाणा में बीजेपी की हैट्रिक, कांग्रेस को जोर का झटका
लोकसभा चुनावों में कांग्रेस संविधान बदलने के नैरेटिव का गढ़ने में सफल रही थी। इसके चलते दलित वोटों का झुकाव कांग्रेस की तरफ हुआ था, लेकिन हरियाणा में बीजेपी ने मनोहर लाल खट्‌टर को हटाने से लेकर सैलजा की नाराजगी तक एक सधी रणनीति से काम किया। सैलजा की नाराजगी को बीजेपी ने इतना तूल दे दिया कि कांग्रेस को उसे काउंटर करने के लिए आगे आना पड़ा। पहले हुड्‌डा के साथ मंच साझा करवाया। जब इससे बात नहीं बनी तो कांग्रेस को दूसरा प्रयास करना पड़ा। पदयात्रा की सभा के मंच में हाथ मिलवाया। बीजेपी ने सैलजा विवाद में बखूबी इस्तेमाल किया। इससे हरियाणा में जाट वोटर जहां जेजेपी को छोड़कर कांग्रेस में लामबंद हुए तो गैर जाट वोट बीजेपी में आ गए। कांग्रेस के न चाहते हुए भी मुकाबला जाट बनाम नॉन जाट हो गया। इससे सियासी तौर पर कांग्रेस की खाट खड़ी हो गई।


आखिर तक नहीं मानी हार
बीजेपी ने हरियाणा में हैट्रिक के लिए आखिरी तक कोशिश की। तो वहीं दूसरी कांग्रेस नेता आत्मविश्वास से लबरेज दिखे। बीजेपी ने अंतिम वक्त पर (प्रचार के आखिरी दिनों) में बाजी पलट दी। कांग्रेस ने हरियाणा में छह सीटें 39, 207, 227, 600, 610, 1200 वोटों से गंवाई हैं। अगर इन सीटों को जोड़ दिया जाए तो बहुमत के करीब पहुंच जाती है। बीजेपी ने इसके साथ कुछ निर्दलीय को उतार भी खेल खराब कर दिया। गुरुग्राम में नवीन गाेयल ने कांग्रेस प्रत्याशी का खूब नुकसान किया। कुछ स्थानों पर कांग्रेस जीतने वाले प्रत्याशी के चयन के संकल्प पर नहीं टिक पाई। खराब टिकट वितरण से उसे अंबाला कैंट, बल्लभगढ़ जैसी सीटों पर शर्मनाक हार उठानी पड़ी। हरियाणा बीजेपी मीडिया प्रभारी अरविंद सैनी कहते हैं 10 साल की सरकार के बाद लोगों ने फिर बीजेपी पर भरोसा व्यक्त किया है। ऐसे में यह जीत हमारे लिए बड़ी है। बीजेपी को सर्वाधिक 48 सीटें मिली हैं। सैनी कहते हैं तोशाम, दादरी जैसी कई ऐसी सीटें हैं जहां पर बीजेपी ने पहली बार जीत हासिल की है।


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