हिंदी भारत की आत्मा है ,हिंदी अपने प्रभुत्व के कारण आज पूरे विश्व की भाषा बन गई है- डॉ करुणेश प्रकाश भट्ट
कादीपुर । संत तुलसीदास पीजी कॉलेज के हिंदी विभाग द्वारा 'राष्ट्रभाषा हिंदी के वैश्विक स्वरूप' विषय पर एक गोष्ठी का आयोजन किया गया। गोष्ठी का प्रारंभ छात्रा तनु सिंह की सरस्वती वंदना से हुआ ।
गोष्टी को संबोधित करते हुए हिंदी विभाग अध्यक्ष डॉक्टर करुणेश प्रकाश भट्ट ने कहा कि हिंदी भारत की आत्मा है ।हिंदी अपने प्रभुत्व के कारण आज पूरे विश्व की भाषा बन गई है ।हिंदी भाषा विकास की धुरी है जो अपनी लोकप्रियता का परचम पूरी दुनिया में लहरा रही है। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए संस्कृत विभाग अध्यक्ष डॉ महिमा द्विवेदी ने कहा की हिंदी, हिंदू और हिंदुस्तान की प्रतीक है। हिंदी का वैश्विक परिवेश आज के समय की मांग है। उन्होंने कहा हिंदी विशाल शब्द संपदा वाली भाषा है जो उसकी उदारता का परिचायक है ।डॉ चंद्रमौलि शुक्ल ने कहा हिंदी आज पूरी दुनिया पर राज कर रही है। किसी भाषा से उसका मुकाबला नहीं है। डॉ चंद्र प्रकाश यादव ने कहा हिंदी विश्व की शक्ति का प्रतीक है। कार्यक्रम का संचालन करते हुए अवनीश पांडे ने कहा की हिंदी की महिमा और गरिमा से पूरा विश्व आलोकित है हिंदी की शक्ति पर पूरे राष्ट्र को गर्व है।
कार्यक्रम को डॉ वंदना मिश्रा, डॉ सुनील कुमार त्रिपाठी, डॉ प्रभा कांत त्रिपाठी ने भी संबोधित किया ।कार्यक्रम में वीना तिवारी, रोली वर्मा, सृष्टि गुप्ता, सिद्धार्थ उपाध्याय जैसे छात्र छात्राओं ने भी अपने विचार व्यक्त किये। इस अवसर पर डॉ विनोद कुमार त्रिपाठी ,डॉ रविंद्र मिश्रा, जीनत रफीक ,डॉ प्रभात सिंह और अभिषेक द्विवेदी भी उपस्थित रहे कार्यक्रम का समापन राष्ट्रगान की प्रस्तुति के साथ हुआ ।
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