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खुन जांच की व्यवस्था न होने से मरीजों को चुकानी पड़ रही भारी कीमत

`मेडिकल कॉलेज के मरीजो को खुन की मुख्य जांच के लिए जिले तक की लगानी पड़ती है दौड़`

 

जौनपुर। उमानाथ सिंह स्वशासी चिकित्सा महाविद्यालय सिद्दीकपुर में मरीज को खून जांच के लिए कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। मेडिकल कॉलेज में नाम मात्र कुछ सामान्य जांचों को छोड़ दिया जाए तो मुख्य जांचों के लिए मरीजों को दर-दर भटकना पड़ता है। मेडिकल कॉलेज प्रशासन जल्द ही खून जांच की व्यवस्था उपलब्ध कराने की तैयारी में है।


उमानाथ सिंह स्वशासी चिकित्सा महाविद्यालय सिद्दीकपुर में 1 सितंबर 2022 से ओपीडी की व्यवस्था चालू कर दी गई है। लगभग 2 वर्ष बीत जाने के बाद भी मेडिकल कॉलेज में सिर्फ सामान्य खून जांचों की व्यवस्था हो पाई है। मेडिकल कॉलेज प्रशासन द्वारा अभी तक मरीजो को टाइफाइड, मलेरिया,शुगर समेत लगभग आधा दर्जन खून जांचों की व्यवस्था उपलब्ध करा पाया है। हालत यह है कि मेडिकल कॉलेज में हो रही खून की जांचों को किट के सहारे किया जा रहा है ।


जिसके चलते कई बार रिपोर्ट में त्रुटि भी आ जाती है। और मेडिकल कॉलेज में मुख्य जांच जैसे सीबीसी, लिवर फंक्शन टेस्ट (यलएफ्टि), किडनी फंक्शन टेस्ट (केएफटी) जैसी मुख्य जांचों की व्यवस्था न होने के कारण इसका असर सीधे मरीजों की जेब पर पड रहा है। मेडिकल कॉलेज में इलाज कराने आई साझीपट्टी गांव की आरती 32 वर्ष ने बताया कि उसे सांस फूलने की दिक्कत थी मेडिकल कॉलेज में जब चिकित्सकों को दिखाया तो वहां से सीबीसी,एलएफ्टि और केएफटी जांच चिकित्सक द्वारा लिखी गई थी। जिसको लेकर जब मैं खून जांच केंद्र पहुंची तो वहां पर सुविधा उपलब्ध न होने के कारण निजी पैथोलॉजी में जाकर जांच कराना पड़ा और जिसके चलते जांच मे ही लगभग ₹2000 खर्च हो गए। इसी तरह से स्थानीय क्षेत्र की निवासी जानकी ने भी सीबीसी और एलफ्टि जांच करने के लिए निजी पैथोलॉजी का सहारा लिया मेडिकल कॉलेज में मुख्य जांचों की व्यवस्था न होने के कारण मरीज को मुसीबत का सामना करना पड़ रहा है मेडिकल कालेज प्रधानाचार्य डॉ शिवकुमार ने बताया कि मेडिकल कॉलेज में अभी कुछ जांच कराई जा रही है बाकी जांचों के लिए मेडिकल कॉलेज प्रशासन जल्द ही व्यवस्था उपलब्ध करा देगी।


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