आज़मगढ़ के दोनों सीटों पर भाजपा ने दोनों लोकप्रिय नेताओं को ही क्यो चुना,क्या सपा के गढ़ में इस बार भी ऐ बचा सकेंगे शीर्ष नेतृत्व का विश्वास
आज़मगढ़। लोकतंत्र के पर्व में हर एक उत्साह आम जनता के वोट से है। इस बार लोकतंत्र के पर्व में हर वर्ष की तरह नए लाखों युवा पीढ़ी नई सोच के साथ श्रेष्ठ भारत के इतिहास में अपना अहम योगदान देने जा रही हैं। एक तरफ़ तख्ता पलट मुहिम है तो दुसरी तरफ मोदी नाम । क्या इस बार पुराना फ़ॉर्म्युला काम का रहेगा या विकास, और रोजगार फिर राम मन्दिर ही केन्द्र बना रहेगा।
जहा तक मेरा निजी अनुमान है कि जाति समीकरण का चक्र खंडित होने पर मजबुर होगा।
पिछले दो चुनावो में बड़ा बदलाव हुए हैं।
जाति समीकरण से ऊपर उठकर इस बार जनता वोट देने जा रही है क्यो कि, युवाओं का जोश कुछ अलग ही बयां कर रहा है, की आगामी चुनाव में उनका भविष्य एक सुरक्षित हाथों में है कि नहीं है ।
वहीं किसानों के चेहरे पर मुस्कान लाने के लिए सभी पार्टियों ने पिछले कुछ समय से अपने हिसाब से तरह-तरह के वादे भी किये क्या उनको याद रहेगा और इसका कितना फायदा मिलेगा यह तो वक्त ही बताएगा!
आज़मगढ़ चुनाव पर नज़र डाले तो...
अब बात साफ है कि, एक बार की सांसद रही लालगंज क्षेत्र से नीलम सोनकर को , इस बार फिर भाजपा ने लालगंज क्षेत्र से प्रत्याशी बना कर उतार दिया है । वैसे भी नीलम सोनकर की चर्चाएं हर गलियों में हो रही है क्योंकि नीलम सोनकर का लगातार क्षेत्र में बनें रहना और उनकी लोकप्रियता 2014 के चुनाव के जीत जिसके बाद बढी,19 में दोबारा चुनाव न जीतने के बाद अब इस बार 24 में भी अपनी किस्मत और जनता का विश्वास जीतने के लिए लगातार प्रयास कर रही है ,इसका भाजपा शीर्ष नेतृत्व को कितना लाभ मिलेगा यह वक्त ही बताएगा ।
वहीं सदर सीट से भाजपा ने अपने उम्मीदवार उपचुनाव में विजयी रहे भोजपुरी सुपरस्टार दिनेश लाल यादव को प्रत्याशी बनाया है।
हालांकि इस समय सबसे सक्रिय सांसद के बतौर पर आजमगढ़ में दिनेश लाल यादव निरहुआ दिखाई दे रहे हैं। हालांकि इस सीट पर सपा vs भाजपा का खेल रहा है, अब सपा का कौन सा प्रत्याशी मैदान में आता है या सपा सुप्रीमो फिर अपने सीट पर उतरते है फिर भी चर्चा जोरों पर बना हुआ है।
लोकसभा चुनाव में भाजपा सपा के अलावा छोटी-छोटी पार्टियों का खेल खूब रहता है, वहीं निर्दल भी ताल ठोक कर मैदान में डटे रहेंगें उनकी भूमिका अहम होगी।
भाजपा ने पहले ही संकेतों मे कह चुकी हैं की चुनाव प्रत्याशी कोई भी हो चुनाव मोदी ही लड़ रहे हैं। इसे लेकर भाजपा कोई कसर बाकी नहीं छोड़ने वाली है। वहीं सपा सहित अन्य पार्टियों को भी यह चुनाव अपनी अपनी साख बचाने से कम नहीं है।
अगर प्रत्याशियों की बात करें तो....
दोनों प्रत्याशी को भाजपा ने बड़ी सोच समझकर मैदान में उतारा है दोनों की लोकप्रियता बढ़ चढ़कर है दोनों ने अपने जनता के बीच में जगह बनाया हुआ है।इसका कितना फायदा होगा वक्त बताएगा।(सम्पादक लेख) |
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