Politics News / राजनीतिक समाचार

समाजवादी पार्टी को बड़ा झटका, सपा नेता की पत्नी को बसपा ने बनाया मेयर का प्रत्याशी

फिरोजाबाद। फिरोजाबाद से बसपा ने बाबा साहब डॉ. भीमराव आंबेडकर की जन्म जयंती पर जिले की आठ निकायों में से सात पर शुक्रवार की शाम को प्रत्याशी घोषित कर दिए। फिरोजाबाद नगर निगम से पूर्व में मुलायम सिंह यूथ बिग्रेड के अध्यक्ष और सपा से दो बार सभासद रह चुके महबूब अजीज की पत्नी रुखसाना बेगम अब्बासी को महापौर का प्रत्याशी बनाया है। महबूब अजीज सपा नेता आजम खान के करीबी हैं। इसके साथ ही एका नगर पंचायत को छोड़कर तीन नगर पालिका एवं पंचायतों के भी प्रत्याशी घोषित कर दिए हैं। बसपा के मंडल कोआर्डिनेटर हेमंत प्रताप सिंह, डॉ. ज्ञान सिंह, पूर्व विधायक अजीम भाई एवं जिलाध्यक्ष सुशील कुमार उर्फ सोनू भारती ने सीबी गेस्ट हाउस में वार्ता करते हुए बसपा के महापौर एवं चेयरमैन पद के प्रत्याशियों की घोषणा की। उन्होंने कहा कि पार्टी ने सभी वर्गों को समाहित करते हुए बसपा सुप्रीमो और पूर्व मुख्यमंत्री मायावती के निर्देश पर निकाय चुनाव के लिए प्रत्याशी तय किए हैं। उन्होंने कहा कि फिरोजाबाद नगर निगम की मेयर पद के लिए रुखसाना बेगम पत्नी महबूब अजीज अब्बासी को प्रत्याशी बनाया है। महबूब अजीज टिकट मिलने से पूर्व तक समाजवादी पार्टी में सक्रिय थे। बसपा नेताओं ने कहा कि पूर्व विधायक अजीम भाई के साथ ही वह बसपा में शामिल हो गए थे। शिकोहाबाद नगर पालिका से चेयरमैन पद के लिए अनीता यादव पत्नी इंद्रजीत यादव, सिरसागंज नगर पालिका से चेयरमैन पद के प्रत्याशी नकीर अहमद को बनाया है।
वहीं टूंडला नगर पालिका से चेयरमैन पद का प्रत्याशी वर्तमान में भाजपा से चेयरमैन रामबहादुर चक के बेटे रोहित चक को उम्मीदवार बनाया है। नगर पंचायत फरिहा में सपा से चेयरमैन बने अब्दुल हई की पत्नी मोमिना यास्मीन को प्रत्याशी बनाया है। नगर पंचायत मक्खनपुर से प्रधान रहे स्वर्गीय महेशचंद्र जाटव की पत्नी मुन्नीदेवी चेयरमैन पद की उम्मीदवार घोषित की है। जबकि जसराना नगर पंचायत से वारिस अहमद को चेयरमैन पद का प्रत्याशी घोषित किया है। समाजवादी पार्टी से नगर पंचायत अध्यक्ष की टिकट नहीं मिलने पर वारिस सिद्दकी की ने साइकिल छोड़ हाथी की सवारी कर ली। इस दौरान उन्होंने कहा वह सपा नेतृत्व का फैसला था, यह उनका फैसला है। कहा कि उनका प्रमुख उद्देश्य जनता की सेवा करना है। पहले भी वह सपा से बगावत कर चुनाव लड़ चुके हैं।समाजवादी पार्टी के नगर अध्यक्ष रहे वारिस सिद्दकी समाजवादी पार्टी से अध्यक्ष पद के लिए अपनी दावेदारी कर रहे थे। राजनीतिक गलियारों में उन्हें मजबूत दावेदार माना जा रहा था। लेकिन सपा ने केपी सिंह यादव पर भरोसा जताया तो वारिस सिद्दकी ने बगावत कर दी। 2017 में हुए नगर निकाय चुनावों में उन्होंने सपा से टिकट मांगी थी। टिकट नहीं मिलने निर्दलीय मैदान में उतरे और दूसरे स्थान पर रहे। जबकि सपा तीसरे स्थान पर ही थी। फरिहा चेयरमैन अब्दुल हई ने 30 साल बाद आखिरकार साइकिल की सवारी को छोड़कर हाथी पर सवार हो गए। वर्ष 2017 में सपा के टिकट पर सपा के चेयरमैन बने अब्दुल हई ने कहा कि सपा छोड़ने पर अफसोस है, लेकिन लगातार काम करने के बाद टिकट न मिलना गलत था। इसके कारण सपा छोड़कर बसपा में वह शामिल हुए हैं।


Leave a comment

Educations

Sports

Entertainment

Lucknow

Azamgarh