राणा प्रताप पीजी कालेज में आयोजित की गई अन्तर्महाविद्यालयीय वाद विवाद प्रतियोगिता : सुलतानपुर
सुलतानपुर । राणा प्रताप स्नातकोत्तर महाविद्यालय व सिंह एण्ड श्रीनिवासन उत्कर्ष ट्रस्ट के संयुक्त तत्वावधान में महाविद्यालय के पुस्तकालय भवन में अन्तर्महाविद्यालयीय वाद विवाद प्रतियोगिता का आयोजन किया गया ।
भाजपा के पूर्व क्षेत्रीय अध्यक्ष व राणा प्रताप पीजी कॉलेज के पूर्व समाजशास्त्र विभागाध्यक्ष डॉ.एम.पी.सिंह की पत्नी कलावती सिंह की स्मृति में 'कोरोना के विरुद्ध भारत का प्रयास विकसित देशों की तुलना में प्रशंसनीय' विषय पर आयोजित इस वाद विवाद प्रतियोगिता में दस महाविद्यालय के विद्यार्थियों ने भाग लिया । जिसमें विषय के पक्ष में बोलने पर राणा प्रताप स्नातकोत्तर महाविद्यालय के बीएड प्रथम वर्ष की छात्रा आकांक्षा सिंह को पांच हजार रुपये का प्रथम पुरस्कार , संत तुलसीदास स्नातकोत्तर महाविद्यालय के एम.ए.प्रथम वर्ष के छात्र उत्कर्ष दूबे को तीन हजार रुपए का द्वितीय पुरस्कार तथा गनपत सहाय स्नातकोत्तर महाविद्यालय के बीएससी तृतीय वर्ष की छात्रा पल्लवी शुक्ला को दो हजार रुपए का तृतीय पुरस्कार प्रदान किया गया । विषय के विपक्ष में बोलने पर के.एन.आई.एम.टी. फरीदीपुर के बीएड प्रथम वर्ष की छात्रा रक्षा कसौधन को पांच हजार रुपए का प्रथम पुरस्कार , केदारनाथ सिंह मेमोरियल ट्रस्ट के बीएड प्रथम वर्ष के सत्यम चौरसिया को तीन हजार रुपए का द्वितीय पुरस्कार तथा राणा प्रताप पीजी कॉलेज के बीए द्वितीय वर्ष के छात्र पार्थ सारथी द्विवेदी को दो हजार रुपए का तृतीय पुरस्कार प्रदान किया गया ।
सभी विजेताओं को अतिथियों ने धनराशि , प्रमाण पत्र व लेखन सामग्री देकर सम्मानित किया। इसके अलावा प्रतियोगिता में शामिल सभी बीस प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र व लेखन सामग्री देकर सम्मानित किया गया ।
कार्यक्रम संयोजक डॉ एम.पी.सिंह ने आगंतुकों का स्वागत करते हुए आयोजन की विस्तृत जानकारी दी । उन्होंने बताया कि सिंह एंड श्रीनिवासन उत्कर्ष ट्रस्ट 2010 से लगातार विभिन्न क्षेत्रों में कार्य कर रहा है ।
वाद विवाद प्रतियोगिता के निर्णायक मंडल में एपीएन कालेज बस्ती के पूर्व प्राचार्य डॉ भानु प्रताप सिंह ,आर आर पीजी कालेज अमेठी के पूर्व बीएड विभागाध्यक्ष डॉ अंगद सिंह व वरिष्ठ पत्रकार दिनेश दूबे शामिल थे ।
समारोह को संबोधित करते हुए वरिष्ठ पत्रकार दिनेश दूबे ने कहा कि विषय की ग्राह्यता धीरे धीरे ही बढ़ती है । विषय की समझ हमें आगे बढ़ने में मदद करती है । इसलिए विद्यार्थियों को हमेशा अपने लक्ष्य को ध्यान में रखकर काम करना चाहिए। शिक्षकों को भी यह ध्यान रखना होगा कि वे बच्चों में कैसा बीज डाल रहे हैं ।
डॉ.अंगद सिंह ने कहा कि कोरोना काल में अपनी मेहनत से भारत के वैज्ञानिकों ने दुनिया को आश्चर्यचकित किया । भारत के गांव में रहने वालों की प्रतिरोधक क्षमता ने भी कोरोना को दूर भगाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है ।
डॉ भानु प्रताप सिंह ने परिणामों की घोषणा करते हुए कहा कि कोरोना के प्रति विद्यार्थियों की समझ हमें युवा पीढ़ी के उज्ज्वल भविष्य के प्रति आश्वस्त करती है । प्राचार्य डॉ.एम.पी.सिंह ने अंगवस्त्र व पुष्प देकर निर्णायक मंडल के सदस्यों का स्वागत किया ।
प्रतियोगिता का संचालन हिंदी विभागाध्यक्ष इंद्रमणि कुमार व आभार ज्ञापन प्राचार्य डॉ.एम.पी.सिंह ने किया । इस अवसर पर कुलानुशासक डॉ.निशा सिंह , डॉ .भारती सिंह , डॉ मंजू ठाकुर , डॉ विभा सिंह , ज्ञानेन्द्र विक्रम सिंह रवि, डॉ सीमा सिंह , डॉ शांति लता , अमित तिवारी , संत तुलसीदास पीजी कॉलेज के डॉ सतीश सिंह समेत अनेक प्रमुख लोग उपस्थित रहे ।
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