अबैध शराब के पीछे सफ़ेद पोशाक तो नही ?
उत्तर प्रदेश में जब से लॉक डाउन लगा है तब शराब की बिक्री पर भी रोक लगाई गई थी ,उसी का नतीजा हुआ आजमगढ़ व पूर्वांचल के कई जिले जहरीली शराब कई दर्जन लोग मर चुके है ,अगर कोरोना न होता तो मरने वालो का सही अकड़ा मिल सकता हैं था,लेकिन पुलिस व अधिकारी इस बात को लगातार दबाने की कोशिश में लगे है की मौत शराब से नही बल्कि बीमारी से हुई हैं , वही पर गांव वालों का आरोप हैं पुलिस व एसडीएम हम गांव वालो पर दबाव बना कर लिखवा रहे है कि बीमारी से मौत हुई हैं।
ऐसी बात को लेकर आजमगढ़ एससपी ने नैतिक तौर पर माना कि जहरीली शराब पीने से कई लोगो की जान गई हैं ,अब प्रशाशन को समझना होगा कि पवई के थाना प्रभारी अयोध्या तिवारी को व उनकी टीम के साथ अनेक थानों के पुलिस को निलबंन कर के आप साबित कर दिया है कहि न कही चूक हुई हैं ,सूत्रों की मायने तो मौत इस काले कारोबार में एक स्थानीय के एक विपक्ष के विधायक व इस नेक्शे के तार प्रतापगढ़ से जुड़ रहे है।
इस मौत से कारोबार में सफेद पोश लोग शामिल है जो पर्दे के पीछे खड़े है जिनका शबूत मिलना मुश्किल है,हालांकि गोपनीयता के आधार पर इस जहरीले शराब में सफ़ेद पोषक की अहम भूमिका दिखाई पड़ रही है अब प्रशासन को और सख्त कदम उठाने की जरूत है निलम्बन से सीख दिया जा सकता है जरूरत पड़े तो बर्खास्त भी किया जाए।बतादें कि मौत के काले कारोबारको सरकार अधिकारी पलीता लगने में उनके आबकारी अधिकारी की भी शामिल है। तभी तो आजमगढ़ के आबकारी के जोन 4 के अधिकारी को भी निलंबित किया गया हैं ,वही आजमगढ़ के दीदारगंज के थाना क्षेत्र में भी 9लोगो की मौत हुई जौनपुर में भी मौत का शिलशिला चालू है।बलरामपुर में अबैध शराब बरामद हुई।क्या सफेद पोशाक से पर्दा उठेगा?ये चेहरे... ?
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