चीफ़ डिफेंस ऑफ स्टाफ़ (CDS) जनरल बिपिन रावत का हेलिकॉप्टर क्रैश में निधन ....पूरी ख़बर
बड़ी ख़बर : तमिलनाडु में कुन्नूर में बुधवार को दोपहर 12:20 बजे सेना का Mi-17V5 हेलिकॉप्टर क्रैश हो गया। घने जंगलों में हुए इस हादसे के बाद हेलिकॉप्टर में आग लग गई। इसमें चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) जनरल बिपिन रावत, उनकी पत्नी मधुलिका समेत सेना के 14 अफसर सवार थे। न्यूज एजेंसी ANI के मुताबिक, 13 की मौत हो गई है।
चीफ़ डिफेंस ऑफ स्टाफ़ (सीडीएस) जनरल बिपिन रावत का हेलिकॉप्टर क्रैश में निधन हो गया है.
भारतीय वायु सेना ने ट्वीट कर इसकी पुष्टि कर दी है. एक अन्य ट्वीट में यह भी बताया गया कि हेलिकॉप्टर में सवार 14 में से 13 लोगों की मौत हो गई है. इसमें जनरल रावत की पत्नी मधुलिका भी शामिल हैं.
वहीं ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह इस हादसे में घायल हुए हैं और फिलहाल उनका इलाज वेलिंग्टन स्थित सेना के अस्पताल में चल रहा है.
जनरल बिपिन रावत देश के पहले चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ हैं। उन्होंने 1 जनवरी 2020 को यह पद संभाला। रावत 31 दिसंबर 2016 से 31 दिसंबर 2019 तक सेना प्रमुख के पद पर रहे।जनरल बिपिन रावत भारत के पहले और वर्तमान रक्षा प्रमुख या चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ थे; उन्होंने ने १ जनवरी २०२० को रक्षा प्रमुख के पद का भार ग्रहण किया। इससे पूर्व वो भारतीय थलसेना के प्रमुख थे। रावत ३१ दिसंबर २०१६ से ३१ दिसंबर २०१९ तक थल सेनाध्यक्ष के पद पर रहे।
जन्म की तारीख और समय: 16 मार्च 1958, पुरी गढ़वाल
●मृत्यु की जगह और तारीख: 8 दिसंबर 2021
●राष्ट्रीयता: भारतीय
●पत्नी: मधुलिका रावत
●माता-पिता: लचु सिंह रावत
●शिक्षा: चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय मेरठ, एनडीए खडकवासला....
●इनाम: परम विशिष्ट सेवा पदक, अति विशिष्ट सेवा पदक, विशिष्ट सेवा पदक, सेना मेडल....
घने जंगल और कम विजिबिलिटी हादसे की वजह
दिल्ली में उच्च पदस्थ सूत्रों ने बताया कि हादसे की वजह घने जंगल और कम विजिबिलिटी रहे। खराब मौसम के दौरान बादलों में विजिबिलिटी कम होने की वजह से हेलिकॉप्टर को कम ऊंचाई पर उड़ान भरनी पड़ी। लैंडिंग पॉइंट से दूरी कम होने की वजह से भी हेलिकॉप्टर
हादसे के बाद हेलिकॉप्टर बुरी तरह से जल गया।
हेलिकॉप्टर में ये लोग सवार थे
1. जनरल बिपिन रावत
2. मधुलिका रावत
3. ब्रिगेडियर एलएस लिद्दर
4. लेफ्टिनेंट कर्नल हरजिंदर सिंह
5. नायक गुरसेवक सिंह
6. नायक जितेंद्र कुमार
7. लांस नायक विवेक कुमार
8. लांस नायक बी. साई तेजा
9. हवलदार सतपाल
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काफी नीचे उड़ान भर रहा था। नीचे घने जंगल थे इसलिए क्रैश लैंडिंग भी फेल हो गई। इस हेलिकॉप्टर के पायलट विंग कमांडर और सीओ रैंक के अधिकारी थे, ऐसे में मानवीय भूल की आशंका न के बराबर है।
देश के चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत का हेलिकॉप्टर तमिलनाडु के कुन्नूर में दुर्घटनाग्रस्त हो गया है। चौपर के क्रैश होने के बाद उसमें आग लग गई। इस दुर्घटना में विमान में सवार कुल 14 लोगों में से 13 की मौत की खबर है। हादसे का शिकार हुए हेलिकॉप्टर को विंग कमांडर पृथ्वी सिंह उड़ा रहे थे। मृतकों के शव इतनी बुरी तरह से जल गए हैं, उनकी पहचान कर पाना संभव नहीं है। ऐसे में डीएनए टेस्टिंग के जरिए ही शवों की पहचान हो सकेगी। इस चौपर में चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ बिपिन रावत के पत्नी मधुलिका रावत समेत कुल 14 लोग मौजूद थे। वायुसेना ने कहा है कि दुर्घटना के कारणों का पता लगाने के लिए जांच के आदेश दे दिए गये हैं। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह इस घटना पर कल संसद में बयान जारी करेंगे। इससे पहले वह आज जनरल बिपिन रावत के दिल्ली स्थिति आवास पर पहुंचे थे और परिजनों से मुलाकात की थी
85% तक जल गए शव
न्यूज एजेंसी ANI के मुताबिक, हेलिकॉप्टर सुलूर एयरबेस से वेलिंगटन जा रहा था। यह हादसे के समय लैंडिंग स्पॉट से महज 10 किलोमीटर दूर था। मौके पर
डॉक्टर्स, सेना के अफसर और कोबरा कमांडो की टीम मौजूद है। जो शव बरामद किए गए हैं, उनकी पहचान की कोशिश की जा रही है, क्योंकि ये 85% तक जल गए हैं। हादसे के जो विजुअल सामने आए हैं, उनमें हेलिकॉप्टर पूरी तरह क्षतिग्रस्त नजर आया और उसमें आग लगी थी।
चश्मदीद बोला- आग का गोला बन गया था हेलिकॉप्टर
हादसे के एक चश्मदीद ने बताया कि उसे पहले बहुत तेज आवाज सुनाई दी। हेलिकॉप्टर से पेड़ों पर गिरा। इसके बाद उसमें आग लग गई, वो आग का गोला बन गया था। एक और चश्मदीद का कहना है कि उसने जलते हुए लोगों को गिरते देखा।
रावत का हेलिकॉप्टर पहले भी क्रैश हुआ था, बच गए थे
जनरल बिपिन रावत एक बार पहले भी हेलिकॉप्टर हादसे का शिकार हो चुके हैं। 3 फरवरी 2015 को उनका चीता हेलिकॉप्टर नगालैंड के दीमापुर में क्रैश हुआ था। तब बिपिन रावत लेफ्टिनेंट जनरल थे।
चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत।
कारगिल में भी इस्तेमाल हुआ था Mi-17, भारी बोझ ढोने में सक्षम
जिस हेलिकॉप्टर में चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) जनरल बिपिन रावत सवार थे, वह Mi-17 सीरीज का हेलिकॉप्टर है। इस हेलिकॉप्टर को सोवियत संघ में बनाया गया था। भारत 2012 से इसे इस्तेमाल कर रहा है। यह मीडियम ट्विन टर्बाइन हेलिकॉप्टर है, जिसमें दो इंजन होते हैं। इस हेलिकॉप्टर को ट्रांसपोर्ट और बैटल दोनों ही रोल में इस्तेमाल किया जाता है।
तकनीकी तौर पर Mi-17 को इसके पिछले वर्जन Mi-8 में सुधार करके डेवलप किया गया था। इस चॉपर में भारी बोझ उठाने की क्षमता है। भारत ने कारगिल युद्ध के समय पाकिस्तानी घुसपैठियों पर अटैक के लिए Mi-17 का इस्तेमाल किया था। दुश्मन की मिसाइल ने एक Mi-17 चॉपर को मार गिराया था। इसके बाद ही भारत ने अपने फाइटर जेट को हमले के लिए भेजा था। भारत में इसे VIP ट्रांसपोर्ट के लिए भी इस्तेमाल किया जाता है।
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