योगी कैबिनेट में हो सकता है फेरबदल, दलित-ओबीसी समीकरण साधने के लिए इन मंत्रियों की छिन सकती है कुर्सी
लखनऊ। विधानसभा उपचुनाव में भाजपा गठबंधन के 9 में से 7 सीट जीतने के बाद अब फिर से प्रदेश मंत्रिमंडल में फेरबदल की सुगबुगाहट शुरू हो गई है। कई विधायक जहां मंत्री बनने के लिए जोड़-तोड़ में जुट गए हैं, वहीं सहयोगी दल भी मंत्रिमंडल में कोटा बढ़ाने की दावेदारी करने की तैयारी में हैं। हालांकि, मंत्रिमंडल में फेरबदल दिल्ली विधानसभा चुनाव के बाद संभव है। सूत्रों की मानें तो इस बार मंत्रिमंडल में बड़े पैमाने पर फेरबदल की तैयारी है। इनमें कई कैबिनेट और राज्यमंत्रियों का पत्ता साफ हो सकता है। उपचुनाव के पहले से ही मंत्रिमंडल में फेरबदल की कयासबाजी शुरू हुई थी, लेकिन किसी न किसी कारण से यह मामला टलता रहा है। उपचुनाव निपटने के बाद सरकार और पार्टी के स्तर पर मिशन-2027 की तैयारी शुरू हो चुकी है। इसलिए माना जा रहा है कि इस बार मंत्रिमंडल विस्तार को अधिक दिन नहीं टाला जाएगा। सूत्रों का कहना है कि इस संबंध में जल्द ही दिल्ली में बैठक होगी। इसमें विस्तार की रूपरेखा तय की जाएगी। इसके बाद विस्तार को अंतिम रूप दिया जाएगा।
सूत्रों का कहना है कि लोकसभा चुनाव में जिस तरह से ओबीसी और दलित मतदाताओं के बिखराव से भाजपा को भारी नुकसान उठाना पड़ा था। उसकी भरपाई उपचुनाव में करने के लिए सरकार और संगठन ने कड़ी मेहनत की थी। इसका सार्थक परिणाम भी सामने आया है। इसलिए मंत्रिमंडल विस्तार में ओबीसी और दलित समीकरण साधने के लिहाज से चेहरों को भी शामिल किया जा सकता है। सूत्रों का कहना है कि उपचुनाव में जीतने वाले एक या दो विधायकों को भी मौका दिया जा सकता है। खास तौर से दशकों से जिन सीटों पर भाजपा नहीं जीती थी, वहां से जीतने वाले विधायकों को मंत्रीपद देकर पुरस्कृत किया जा सकता है। वहीं, लंबे समय से मंत्री रहने के बावजूद बेहतर परिणाम न देने वाले कई मंत्रियों को बाहर भी किया जा सकता है। ऐसे कई मंत्रियों की कार्यप्रणाली का आकलन किया जा रहा है। संगठन में बेहतर काम करने वालों खासतौर से उपचुनावों की रणनीति में जुटने वाले कुछ संगठन के नेता भी मंत्री बनाए जा सकते हैं। उपचुनाव में सीट में भागीदारी से वंचित रह गए निषाद पार्टी के अध्यक्ष संजय निषाद जहां मंत्रिमंडल में एक और पद पाने की कोशिश कर रहे हैं। जबकि मीरापुर सीट जीतने वाले रालोद भी दबाव बना सकता है। ऐसे में प्रस्तावित विस्तार में बड़े पैमाने पर फेरबदल संभव है।
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