DRDO 2-DG drug Good News: कोरोना महामारी मेंऑक्सीजन सपोर्ट वाले मरीजों को लेकर DRDO की 2-डीजी दवा साबित हो रही हैं गेमचेंजर
नई दिल्ली : DRDO 2-DG drug News: रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) द्वारा विकसित 2-डीजी दवा को लेकर बहुत ही अच्छी खबर सामने आयी है। मीडिया रिपोर्टस के अनुसार, ऑक्सीजन सपोर्ट पर रखे गए 42 प्रतिशत मरीजों को 2-डीजी दवा की 2 खुराक देने के बाद ही ऑक्सीजन सपोर्ट से हटा लिया गया है और उनमें सुधार देखने को मिल रहा है। देश में जहां कोरोना महामारी की दूसरी लहर से हाहाकार मचा हुआ है वहीं ऑक्सीजन सपोर्ट वाले मरीजों को लेकर DRDO की 2-डीजी दवा गेमचेंजर साबित हो सकती है।
डीआरडीओ द्वारा विकसित कोविड-19 रोधी दवा 2-डीजी जारी
कोविड-19 की दूसरी लहर से देश में जारी संघर्ष के बीच डीआरडीओ की ओर से विकसित की गयी कोविड-19 रोधी दवा 2-डीजी की पहली खेप सोमवार को जारी की गई। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन के साथ इसे जारी करते हुए कहा कि 2-डीजी दवा आत्मनिर्भरता की दिशा में मील का पत्थर है। कोविड-19 के मध्यम लक्षण वाले तथा गंभीर लक्षण वाले मरीजों पर 2-डीऑक्सी-डी-ग्लुकोज (2-डीजी) दवा के आपातकालीन इस्तेमाल को भारत के औषधि महानियंत्रक (डीजीसीआई) की ओर से मंजूरी मिल चुकी है।
कोरोना मरीजों के उपचार के लिए उम्मीद की किरण लेकर आई 2-डीजी दवा- राजनाथ सिंह
इस अवसर पर राजनाथ सिंह ने कहा कि यह दवा कोविड-19 मरीजों के उपचार के लिए उम्मीद की किरण ले कर आई है। उन्होंने कहा, ‘‘यह देश के वैज्ञानिक कौशल का अनुपम उदाहरण है।’’ रक्षा मंत्री ने कहा कि यह समय थकने और आराम करने का नहीं है क्योंकि इस महामारी के स्वरूप को लेकर कुछ भी निश्चित जानकारी नहीं है। डीआरडीओ की ओर से आयोजित इस कार्यक्रम में उन्होंने कहा, ‘‘हमें ना तो थकना है और ना ही आराम करना है। क्योंकि यह लहर दूसरी बार आई है और इसे लेकर कुछ निश्चित जानकारी नहीं है। हमें बहुत सावधानी से कदम आगे बढ़ाना है।’’
उन्होंने कहा कि चाहे ऑक्सीजन की आपूर्ति का मामला हो या आईसीयू बिस्तरों या तरल ऑक्सीजन के परिवहन के लिए क्रायोजेनिक टैंकरों की उपलब्धता सुनिश्चित करने की बात हो, सरकार ने पूरी स्थिति को बेहद गंभीरता से लिया है। उन्होंने कहा, ‘‘मुझे यह कहते हुए खुशी हो रही है कि सशस्त्र बलों से सेवानिवृत्त हो चुके चिकित्सकों को स्वास्थ्य ढांचे को मजबूत करने के लिए मोर्चे पर लगाया गया है। सेवा के बाद भी इस अभियान में जुड़े चिकित्सकों की मैं दिल से सराहना करता हूं।’’
रक्षा मंत्री ने इस अवसर पर सशस्त्र बलों की ओर से कोविड-19 के खिलाफ देश की लड़ाई में किए जा रहे योगदानों की चर्चा की और कहा कि इसके बावजूद सीमाओं पर उनके क्रियाकलापों पर कोई असर नहीं पड़ा है। उन्होंने कहा, ‘‘इन सब मुसीबतों के बीच हमने यह सुनिश्चित करने का प्रयास किया है कि सीमाओं पर हमारी तैयारियों पर कोई असर ना पड़े। हमारे बलों के जज्बे में कहीं भी कोई कमी नहीं आई है। हम इसे अच्छी तरह जानते हैं। मुसीबत कितनी भी बड़ी क्यों ना हो, जीत हमारी होगी।’’
रक्षा मंत्रालय ने आठ मई को एक बयान में कहा था कि 2-डीऑक्सी-डी-ग्लूकोज (2-डीजी) के क्लीनिकल परीक्षण में पता चला है कि इससे अस्पताल में भर्ती मरीजों की ऑक्सीजन पर निर्भरता को कम करने में मदद मिलती है। साथ ही इस दवा से मरीज जल्दी ठीक होते हैं। उन्होंने कहा, ‘‘मुझे बताया गया है कि इस दवा के उपयोग से सामान्य अवधि के मुकाबले मरीज दो से ढाई दिन पहले ठीक हो रहे हैं। कोविड रोगियों की ऑक्सीजन पर निर्भरता 40 प्रतिशत कम होगी। पाउडर के रूप में उपलब्ध होने से लोगों का असानी भी होगी। वह इसे पानी में घोलकर आसानी से पी सकेंगे।’’
रक्षा मंत्री ने सभी संबंधित संस्थानों से कंधे से कंधा मिलाकर काम करने की अपील करते हुए कहा कि यदि सभी मिलकर काम करेंगे तो देश विजयी होकर रहेगा। इस दवा को ऐसे समय में मंजूरी मिली है जब भारत कोविड-19 महामारी की दूसरी लहर के चपेट में है और देश के स्वास्थ्य ढांचे पर इसका गहरा असर पड़ा है। कोविड-19 रोधी इस दवा को डीआरडीओ की अग्रणी प्रयोगशाला नाभिकीय औषधि तथा संबद्ध विज्ञान संस्थान (इनमास) ने हैदराबाद के डॉक्टर रेड्डीज प्रयोगशाला के साथ मिलकर विकसित किया है। यह दवा एक सैशे में पाउडर के रूप में उपलब्ध रहेगी जिसे पानी में मिलाकर मरीजों को पीना है।
कोरोना वायरस संक्रमण के खिलाफ भारत की जंग जारी है। इसी कड़ी में आज रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) की ओर से विकसित कोरोना की दवा 2-डीजी की पहली खेप लॉन्च की जाएगी। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन आज सुबह 10.30 बजे इस दवा को लॉन्च करेंगे। लॉन्चिंग के बाद अगले एक-दो दिनों में यह मरीजों को मिलने लग जाएगी। सूत्रों की मानें तो हैदराबाद की डॉक्टर रेड्डीज लैब में इसकी 10 हजार डोज़ बनकर तैयार हो गई है।
DCGI ने आपात इस्तेमाल को पहले ही मंजूरी दे दी थी
रक्षा मंत्रालय ने इस महीने की शुरुआत में बताया था कि कोविड-19 के मध्यम और गंभीर लक्षण वाले मरीजों पर इस दवा के आपातकालीन इस्तेमाल को ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DCGI) की ओर से मंजूरी मिल चुकी है। आपको बता दें कि कोरोना के नए मामलों में लगातार हो रही बढ़ोतरी को देखते हुए DCGI ने इस दवा के आपात इस्तेमाल को मंजूरी दी थी। अब DRDO के मुख्यालय में आज एक कार्यक्रम में दोनों केंद्रीय मंत्री इस दवा की पहली खेप को लॉन्च करेंगे।
ऑक्सिजन पर कम होगी मरीजों की निर्भरता
रक्षा मंत्रालय का कहना है कि कोविड-19 की चल रही दूसरी लहर की वजह से बड़ी संख्या में मरीजों को ऑक्सीजन और अस्पताल में भर्ती कराने की जरूरत पड़ रही है.यह दवा कोरोना के सामान्य से गंभीर मरीजों को दी जा सकती है। 2-डीऑक्सी-डी-ग्लूकोज दवा मरीजों को तेजी से ठीक होने में मदद करेगी और ऑक्सिजन पर निर्भरता को कम करेगी।
कोरोना के बाद की परेशानियां
पानी में घोलकर पीना होगा इस दवा को
कोरोना के खिलाफ जंग में रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) की नई दवा उम्मीद की किरण लेकर आई है। इस दवा का नाम 2-डीऑक्सि-डी-ग्लूकोज (2-DG)है। डीआरडीओ की यह दवा ऐसे समय में आई है जब कोरोना की तीसरी लहर की बात हो रही है। वहीं, देशभर में ऑक्सिजन की किल्लत बनी हुई है। दूसरी लहर से रेकॉर्ड मौतें हो रही हैं और स्वास्थ्य संसाधनों पर भारी दबाव है। अच्छी बात यह है कि 2-डीजी दवा पाउडर के रूप में पैकेट में आती है और इसे पानी में घोल कर पीना होता है।
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