वायनाड के प्रभावित इलाकों का प्रधानमंत्री मोदी ने किया हवाई सर्वेक्षण
केरल : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को उत्तरी केरल के वायनाड के आपदा प्रभावित इलाकों का हवाई सर्वेक्षण किया, जहां भूस्खलन ने सैकड़ों लोगों की जान ले ली है। मोदी ने भारतीय वायुसेना के हेलीकॉप्टर पर सवार होकर भूस्खलन से तबाह हुए चूरलमाला, मुंडक्कई और पंचिरिमट्टम बस्तियों का हवाई सर्वेक्षण किया, जिसके बाद वे सुबह करीब 11.15 बजे कन्नूर हवाई अड्डे से वायनाड के लिए रवाना हुए। इससे पहले प्रधानमंत्री का हवाई अड्डे पर केरल के सीएम पिनराई विजयन और राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने स्वागत किया। मोदी के साथ खान, विजयन और केंद्रीय पर्यटन तथा पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस राज्य मंत्री सुरेश गोपी भी थे, जो प्रधानमंत्री के साथ एयर इंडिया वन विमान से यात्रा कर रहे थे। अधिकारी ने बताया कि प्रधानमंत्री राहत शिविर और अस्पताल का भी दौरा करेंगे और आपदा के पीडि़तों और बचे लोगों से मिलेंगे तथा उनसे बातचीत करेंगे।
घटनास्थल का दौरा करने के बाद प्रधानमंत्री मोदी घटना और मौजूदा राहत कार्यों के बारे में विस्तृत जानकारी प्राप्त करने के लिए एक समीक्षा बैठक की अध्यक्षता करेंगे।
300 से ज़्यादा लोगों की जान गई
केरल के वायनाड में 30 जुलाई को हुए भूस्खलन में कम से कम 300 लोगों की मौत हो गई थी। 100 से ज्यादा लोग अब भी लापता हैं। सैकड़ों लोग घायल हो गए। भारतीय सेना, एनडीआरएफ और स्थानीय आपातकालीन प्रतिक्रिया विभागों ने अपना व्यापक खोज और बचाव अभियान जारी रखा है और अब टीमें जंगली इलाकों पर ध्यान केंद्रित कर रही हैं। केरल सरकार ने लापता लोगों के परिजनों और स्थानीय निवासियों की मदद से तलाश अभियान चलाया है। लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने बुधवार को संसद में बोलते हुए वायनाड में भूस्खलन से प्रभावित लोगों के लिए ‘अधिक मुआवजा’ और ‘व्यापक पुनर्वास पैकेज’ की मांग की।
घन्यवाद मोदी जी, वायनाड जाने के लिए : राहुल गांधी
लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के वायनाड दौरे से एक दिन पहले उम्मीद जताई कि वह भूस्खलन की तबाही को देखने के बाद इसे राष्ट्रीय आपदा घोषित करेंगे। राहुल गांधी ने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, व्यक्तिगत रूप से भयानक त्रासदी का जायजा लेने के वास्ते वायनाड जाने के लिए धन्यवाद, मोदी जी। ये एक अच्छा फैसला है। उन्होंने कहा, किमुझे विश्वास है कि एक बार जब प्रधानमंत्री प्रत्यक्ष रूप से तबाही के स्तर को देख लेंगे, तो वह इसे राष्ट्रीय आपदा घोषित कर देंगे।
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