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मेडिकल कालेज जौनपुर में 'रानी अहिल्याबाई होल्कर स्मृति' समारोह के अन्तर्गत जनजागरूकता रैली का आयोजन

 जौनपुरःउत्तर प्रदेश शासन के मन्शा के अनुरूप उमानाथ सिंह स्वशासी राज्य चिकित्सा महाविद्यालय, जौनपुर की प्राचार्या प्रो० डा० रूचिरा सेठी एवं मुख्य चिकित्सा अधीक्षक, प्रो० डा० ए०ए० जाफरी तथा अध्यक्ष सांस्कृतिक कमेटी, डा० साधना अजय ने चिकित्सको एवं छात्रों को एकत्र कर 'रानी अहिल्यारबाई होल्कर स्मृति' पर जनजागरूकता रैली निकाली। यह रैली आस-पास के क्षेत्रों में पैदल पद यात्रा के माध्यम से निकाली गयी। जिसमें देखा गया कि कालेज की प्राचार्या के संरक्षण में डा० साधना अजय ने खुद इस रैली का नेतृत्व बड़ी ही गम्भीरता से किया। मेडिकल कालेज की प्राचार्या ने "रानी अहित्याबाई होल्कर" की पुण्यतिथि पर संबोधित किया कि "रानी अहिल्याबाई होल्कर न केवल एक कुशल शासिका थीं, बल्कि समाज कल्याण, न्यायप्रियता और धार्मिक सहिष्णुता की प्रतीक भी थीं। 

   उनके द्वारा देश भर में बनाये गए घाट, मंदिर और धर्मशालाएं आज भी उनकी दूरदर्शिता और सेवा भावना की गवाही देता है हमें उनके जीवन से प्रेरणा लेकर अपने कर्तव्यों का निर्वहन करना चाहिए। अहिल्याबाई का मानना था कि शासक का पहला धर्म प्रजा की सेवा और न्याय करना है वे हर दिन दरबार में बैठकर स्वयं जनता की समस्या सुनती थीं और तत्काल न्याय देती थी। वे कहती थीः "राजा को अपने प्रजा के सुख-दुख का स्वयं अनुभव करना चाहिए।" 

सांस्कृतिक कार्यक्रम की अध्यक्ष डा० साधना अजय ने अपने उद्बोधन में बताया कि अहिल्याबाई होल्कर का जीवन एक प्रेरणा का स्त्रोत रहा है वे हमेशा ही न्याय, नेतृत्व व नारी शक्ति के लिए काम करती रहीं। आज की दौर एक प्रतिक है नारी शक्ति की समानता की आत्म निर्भरता की। हम सब आज ये प्रण ले हम रानी अहिल्याबाई के आदर्शों को अपने जीवन में उतारे और यह संकल्प ले की हम सब नारी शक्ति का सम्मान करेंगे। 
मुख्य चिकित्सा अधीक्षक ने बताया कि महिला सशक्तिकरण के लिए समाज बहुत आगे जाना चाहता है। महारानी अहिल्याबाई होल्कर अपने जीवन में एक साम्राज्य की स्थापना किया और पूरे भारत वर्ष में अपने साम्राज्य को बढ़ाया और महिला सशक्तिकरण के लिए काम किया। महिला सशक्तिकरण का अर्थ है "हर महिलाओ को उसकी योग्यता और परिश्रम के अनुसार आगे बढ़ने का अवसर देना।" जहा नारी को सम्मान मिलता है वही समाज सच्ची प्रगति करता है। 

रैली के उपरान्त महाविद्यालय के छात्रों ने अपने कला का प्रदर्शन रंगोली बनाकर एवं बाद- विवाद  कम्पटीशन के माध्यम से दिखाया।  छात्रों के सहयोग में डा० पूजा पाठक एवं डा0 ममता ने अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और उन्होंने छात्रों को बताया कि आज हम एक ऐसी महान स्त्री की स्मृति में एकत्रित हुए है, जिन्होंने नारी शक्ति, न्यायप्रियता, और परोपकार की अद्वितीय मिसाल पेश की वह है रानी अहिल्याबाई होल्कर। जजेज के रूप में डा० साधना अजय, डा० तुमुल, डा० आशुतोष, डा० विनोद वर्मा, डा० कुलदीप, डा० नवीन, डा० संजीव का अच्छा प्रदर्शन रहा। उप प्राचार्य, प्रो० आशीष यादव द्वारा विजेता टीम को पुस्कार देकर सम्मानित किया और कार्यक्रम के अन्त में सभी को धन्यवाद ज्ञापित किया। 
इस अवसर पर डा० स्तुति, डा० अर्चना, डा० सुनिल दुबे, डा० अभिषेक, डा० जयसूर्या डी, डा० मो० शादाब एवं छात्र/छात्राएं उपस्थित रहें।


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