दारोगा 4 लाख की रिश्वत लेते रंगेहाथों गिरफ्तार, किया गया बर्खास्त, विभागीय जांच शुरू
नोएडा। गौतमबुद्धनगर कमिश्नरी पुलिस पर एक बार फिर दाग लगा है। प्रशिक्षु दारोगा गुलाब सिंह को मेरठ से आई एंटी करप्शन की टीम ने शुक्रवार को चार लाख रुपये की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया। कमिश्नर ने उसे नौकरी से बर्खास्त कर दिया है। उसके खिलाफ विभागीय जांच भी शुरू कर दी गई है। दारोगा ने रिटायर्ड नेवी कमांडर से चोरी के एक मामले में नाम हटाने के लिए 14 लाख रुपये की रिश्वत मांगी थी। ईकोटेक प्रथम थाना क्षेत्र के निर्माणाधीन एएमआर मॉल में वर्ष 2019 में चोरी हुई थी। मॉल प्रबंधन की ओर से चोरी का मुकदमा दर्ज कराते हुए ग्रेटर नोएडा के रहने वाले रिटायर्ड नेवी कमांडर राजीव सरदाना पर शक जताया गया था। दूसरी ओर, बताया जा रहा है कि राजीव ने बिल्डर के खिलाफ शिकायत की थी, जिस कारण वह उन पर शक जता रहे थे। मामले में पुलिस विवेचना के बाद दो बार अंतिम रिपोर्ट लगा चुकी है, लेकिन सितंबर 2022 में न्यायालय के आदेश से एक बार फिर से इसकी जांच शुरू हुई। यह विवेचना प्रशिक्षु दारोगा गुलाब सिंह के पास थी। चोरी के मामले में राजीव सरदाना को आरोपी बताते हुए उनका नाम हटाने के लिए दारोगा 14 लाख रुपये रिश्वत की मांग कर रहा था। उन्होंने इसकी शिकायत एंटी करप्शन के अधिकारियों से कर दी।
तय योजना के अनुसार, शुक्रवार को राजीव सरदाना दारोगा को रिश्वत के चार लाख रुपये की पहली किस्त देने के लिए सूरजपुर कोतवाली क्षेत्र में एलजी गोलचक्कर के पास पहुंचे। यहां जैसे ही दारोगा ने उनसे रुपये लिए, वैसे ही एंटी करप्शन की टीम ने उसे रंगे हाथ पकड़ लिया। सूरजपुर थाने में मुकदमा भी दर्ज करवा दिया। कमिश्नर लक्ष्मी सिंह ने कहा कि मामले में प्रशिक्षु दारोगा गुलाब सिंह को बर्खास्त कर दिया गया है। गिरफ्तार दारोगा 2019 बैच का है। वह गौतमबुद्धनगर कमिश्नरी के थाना ईकोटेक प्रथम में तैनात था और यहां गौतमबुद्ध विश्वविद्यालय के कैंपस में रह रहा था। एंटी करप्शन की टीम ने उसके आवास की भी तलाशी ली है। अभी उसकी ट्रेनिंग भी पूरी नहीं हुई है और इतना गंभीर मामला सामने आने से कमिश्नर ने इसे गंभीरता से लिया।
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