अधिवक्ता इस महामारी में भूख के कगार पर :अधिवक्ता विकास सिंह
वाराणसी : नवयुवक, वृद्ध और मृत वकीलों के परिजनों का जीविकोपार्जन के सम्बन्ध मेंं विगत कई माह से चल रहे इस वैश्विक महामारी के दौर में आज नवागत अधिवक्ता समेत तमाम अधिवक्ता भुखमरी के कगार पर आ गए है। अकेले वाराणसी में ही 32 से अधिक अधिवक्ता इस महामारी के चपेट में आकर अपनी जान गवां चुके है, वही प्रदेश में सैकड़ो अधिवक्ताओं को इस महामारी ने काल के गाल में समाहित कर दिया। ऐसे तमाम अधिवक्ताओं की समस्याओं का निराकरण न ही हमारी मातृ संस्था ने किया और न ही प्रदेश या केंद्र की सरकार ने ही इस बाबत कोई ठोस पहल की। उक्त बातें सोमवार को यूथ कांग्रेस के प्रदेश सचिव व अधिवक्ता विकास सिंह ने कही।
उन्होंने प्रदेश के विधि व न्यायमंत्री बृजेश पाठक के बयान का हवाला देते हुए कहा कि पिछले दिनों मंत्री जी ने कहा था कि तीन वर्ष पूरा करने वाले अधिवक्ताओं को सरकार पांच हजार रुपये देगी। लेकिन आज तक उक्त बात अमल में नहीं आ सकी। इसके साथ ही विधि मंत्री ने बीते रविवार को फिर से बयान जारी किया है कि संक्रमित वकीलों के इलाज का खर्च सरकार उठाएगी। लेकिन अभी तक न तो मृत अधिवक्ताओं व उनके परिवार के प्रति कोई ठोस निर्णय लिया है और न ही विगत कई माह से बंद चल रहे कचहरी के चलते भुखमरी के कगार पर पहुंच चुके वकीलों के बारे में ही कोई ठोस निर्णय लिया है। इसको देखते हुए प्रदेश सरकार की अधिवक्ता हित के बारे में सोचने की मंशा पर संशय है।
प्रदेश सचिव यूथ कांग्रेस व अधिवक्ता विकास सिंह ने सरकार के समक्ष कोरोना काल के दौरान नवयुवक, वृद्ध और मृत वकीलों की समस्याओं को बिंदुवार दर्शाते हुए उसके निराकरण की मांग की है, जो निम्नवार है-
1- नवयुवक जो प्रारंभिक अवस्था में जीविकोपार्जन हेतु अपना रजिस्ट्रेशन बार काउंसिल ऑफ इंडिया में कराया है, कोरोना के दौरान उनके रोजगार पर संकट आ गया है क्योंकि वह अभी प्रारंभिक अवस्था में ही है जो इतने संपन्न नहीं है कि वे कोरोना के दौरान विधिक कार्यों को ना करने के बाद भी अपने जीविकोपार्जन को भलीभांति संचालित कर सकें।
2- वे वृद्ध जो विधिक कार्यों को भलीभांति संचालित कर सकते हैं के सामने जटिल समस्या कोरोना से संक्रमित हो जाने का है जिसके कारण उनके जीविकोपार्जन पर संकट गहराता नजर आ रहा है।
3- वे वकील जिनकी कोरोना के कारण मृत्यु हो चुकी है उनके परिवारों का जीविकोपार्जन इस कोरोना के दौरान कैसे संभव हो।
इन तीन बिंदुवार समस्याओं पर केंद्र सरकार और राज्य सरकार क्या विचार कर रही है तथा इनके अधिकारों के लिए कौन से कदम उठाए जा रहे हैं इन समस्याओं से निदान हेतु कुछ मांगे-
1- नवयुवक जो बार काउंसिल ऑफ इंडिया में अपना रजिस्ट्रेशन करा चुके हैं तथा अभी प्रारंभिक चरण में है के लिए केंद्र सरकार और राज्य सरकार कुछ आर्थिक सहायता प्रदान करें ताकि वे लोग कोरोना के समय में भी अपने ऊपर आए संकट से लड़ सके और सामान्य परिस्थिति होने तक सुरक्षित रह सकें।
2- केंद्र और राज्य सरकार से यह मांग अति आवश्यक है कि जो वृद्ध है जिनको संक्रमित होने का खतरा ज्यादा है के जीविकोपार्जन हेतु कुछ उपाय किए जाए ताकि वे सुरक्षित रहें और आगामी विधिक कार्य हेतु तत्पर हो सके।
3- केंद्र और राज्य सरकारों से यह मांग है कि जिन वकीलों की मृत्यु कोरोना के कारण हो चुकी है के परिवारों के जीविकोपार्जन पर विचार कर उनके लिए आर्थिक सहायता प्रदान करें।
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