काफी समय पूर्व सुनिश्चित किए गए विवाह मुहूर्त आदि कोरोना वायरस काल के चलते टाल दिए जाने से कई लोगों पर रोजी-रोटी का संकट खड़ा
आजमगढ़। काफी समय पूर्व सुनिश्चित किए गए विवाह मुहूर्त आदि कोरोना वायरस काल के चलते टाल दिए जाने से कई लोगों पर रोजी-रोटी का संकट खड़ा हो चला है। विवाह मुहूर्त टाले जाने की वजह से ऐसे अवसरों पर लोगों की शोभा बढ़ाने वाली तमाम चीजों के व्यवसाय से जुड़े लोग बेहाल हैं।
संक्रमण काल की अवधि में आयोजित होने वाली शादियां वर एवं वधू पक्ष के लोग मजबूरी में टाल रहे हैं। कारण की सभी के मन में कोरोना वायरस का भय व्याप्त है। अप्रैल व मई में आयोजित होने वाले विवाह मुहूर्त को टालने के लिए मजबूर हुए लोग 'जान है तो जहान है' की तर्ज पर शांत रहने को विवश हैं। ऐसे में इन शुभ अवसरों पर साज सज्जा एवं मनोरंजन का साधन जुटाने वाले कारोबारियों पर रोजी-रोटी का संकट खड़ा हो गया है। इस संबंध में टेंट व्यवसाय से जुड़े शहर के बड़े टेंट व्यवसायी सरदार सतनाम सिंह का कहना है कि अप्रैल-मई में बुक की गई तमाम शादियां स्थगित हो जाने की वजह से हम लोगों का व्यवसाय पूरी तरह चरमरा गया है। पिछले वर्ष भी हमारे व्यवसाय से जुड़े लोगों पर फांकाकशी की नौबत आ गई थी। संसाधन जुटाने के चक्कर में काफी रुपयों का कर्ज भी बढ़ गया। सोचा था इस साल इन सब से निजात मिलेगी लेकिन कोरोना के चलते सब धरा का धरा रह गया। वहीं डीजे एवं रोड लाईट का व्यवसाय करने वाले रमेश जायसवाल का कहना है कि लगभग 80 प्रतिशत बुकिंग स्थगित कर दी गई है। कारण कि सभी के ऊपर इस कोरोना वायरस ने संकट खड़ा कर दिया है। जिला मुख्यालय पर अस्थाई रूप से निवास करने वाले सहारनपुर से आए ढोल-ताशा वादक राजा बाबू का कहना है कि हम लोगों की तमाम बुकिंग रद्द की जा चुकी है। विवाह मुहूर्त में ढोल बजाने के लिए हम लोगों ने पहले से तमाम वादकों को बाहर से बुलाया है। अब उन्हें ठहराने व भोजन कराने की समस्या से दो-चार होना पड़ रहा है। इस माहौल में हम क्या करें, कुछ समझ में नहीं आता। बाहर से बुलाए गए कलाकारों के चलते हम लोगों पर कर्ज का बोझ बढ़ता जा रहा है। ऐसा ही माहौल रहा तो एक दिन हमें अपना सब कुछ समेटकर वापस अपने वतन को लौटना पड़ेगा। इसी तरह शादी विवाह के अवसर पर उपयोग में आने वाले तमाम सामानों के निर्माण व बिक्री से जुड़े लोगों का भी यही रोना है।
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