ए मेरे वतन के लोगों...जरा याद करो... चाचा नेहरू की कहानी...
GGS NEWS 24।पंडित जवाहरलाल नेहरू का जन्म 14 नवंबर 1889 को इलाहाबाद (अब प्रयागराज) में हुआ था। उनके पिता का नाम मोतीलाल नेहरू था, जो एक प्रसिद्ध वकील और स्वतंत्रता संग्राम सेनानी थे। नेहरू को बचपन से ही अच्छी शिक्षा दी गई थी, और उन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा इंग्लैंड के हैरो स्कूल और फिर कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय से प्राप्त की। इसके बाद उन्होंने लंदन में लॉ की पढ़ाई की और वकील बने।
नेहरू बचपन से ही पढ़ाई के प्रति काफी रुचि रखते थे और उन्हें विज्ञान, इतिहास, और समाजशास्त्र जैसे विषयों में गहरी दिलचस्पी थी। उन्हें बच्चों से बहुत प्रेम था और इसी कारण उनके जन्मदिन 14 नवंबर को बाल दिवस के रूप में मनाया जाता है। बच्चे उन्हें 'चाचा नेहरू' कहकर पुकारते थे, और नेहरू ने हमेशा उनके उज्ज्वल भविष्य के लिए काम किया।
जवाहरलाल नेहरू भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में महात्मा गांधी के नेतृत्व में शामिल हुए और भारत को स्वतंत्र कराने के लिए कई आंदोलनों में भाग लिया। उन्होंने अनेक कठिनाइयों का सामना किया और कई बार जेल भी गए। 15 अगस्त 1947 को जब भारत स्वतंत्र हुआ, तो पंडित नेहरू स्वतंत्र भारत के पहले प्रधानमंत्री बने।
अपने प्रधानमंत्री कार्यकाल के दौरान, नेहरू ने भारत के विकास के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए। उन्होंने औद्योगिकीकरण, विज्ञान और प्रौद्योगिकी को बढ़ावा दिया, और आधुनिक भारत की नींव रखी। नेहरू जी का मानना था कि बच्चों की अच्छी शिक्षा और देश का विकास एक-दूसरे से जुड़े हैं। उन्होंने विज्ञान और शिक्षा के क्षेत्र में संस्थानों की स्थापना की, जैसे आईआईटी, आईआईएम और एम्स।
नेहरू का सपना एक स्वतंत्र, विकसित और समृद्ध भारत का था। 27 मई 1964 को उनका निधन हो गया, लेकिन उनके विचार और योगदान आज भी भारत को आगे बढ़ाने की प्रेरणा देते हैं।
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