कोरोना के दूसरी लहर में एक बार फिर कालाबाज़ारी करने वालों की चांदी : फूलपुर
फूलपुर। कोरोना के दूसरी लहर में एक बार फिर कालाबाज़ारी करने वालों की चांदी कटने वाली है और इसकी शुरुआत इस वर्ष के प्रथम दिवस के रविवार के लॉक डाउन के साथ सुरु हो गई है। इस समय गुटखा, पान मसाला और सिगरेट के व्यापार से जुड़े बड़े व्यापारी कालाबाज़ारी खुल करते नज़र आ रहे। दुगनी कीमत तक वसूल कर छोटे दुकानारों को मांग से भी कम माल उपलब्ध करा कर खूब पैसे बटोर रहे हैं। ऊपर से इन वैध नशीले पदार्थो की कीमत में हो रही बेतहासा बढ़ोत्तरी व कालाबाज़ारी की शिकायत भी किसी प्रसासनिक स्तर पर नही पहुँचता जिसका सीधा लाभ मोटे पूंजीपतियों को मिल रहा। और अगर आवश्यक वस्तुओं में सुमार तेलहन ,दलहन मोटे अनाज आदि की करें तो कालाबाज़ारी जमाखोरी से यह भी अछुता नज़र नही आ रहा। जिसमे सबसे ज्यादा असर रिफाइंड ,सरसों के तेल व वनस्पति घी पर देखी जा रही प्रिंट रेट से भी ज्यादा वसूले जा रहे जब कि आम दिनों में इन्ही तेल ,घी के प्रिंट रेट से भी 10 से 20 प्रतिशत तक रेट घटा कर लिए जाते थे। दाल के दाम में उछाल है हि साथ ही गेहूँ सरसों के अच्छी फ़सल के बाद भी आटे तक मे तेज़ी बनी हुई है जिसको सीधे लॉक डाउन के आसार के चलते जमाखोरी व काला बाज़ारी से जोड़ कर देखा जा रहा।
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