संगठित व असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों के लिए सुनिश्चित हितलाभ अधिकारों को संरक्षित रखा जाय- अनिल राजभर
लखनऊ: प्रदेश के श्रम एवं सेवायोजन मंत्री अनिल राजभर कहा ने कहा कि अधिक से अधिक महिला श्रमिकों का पंजीकरण किया जाय और उन्हें कार्य के समान अवसर प्रदान कराते हुये कार्य स्थल पर सुरक्षित वातावरण सुनिश्चित कराया जाय। उन्होंने कहा कि प्रदेश में जगह-जगह कैम्प लगाकर श्रमिकों को पंजीकरण कराने के लिए जागरूक किया जाय, ताकि श्रमिकों को सामाजिक सुरक्षा प्रदान किये जाने के साथ ही दुर्घटना रहित, सुरक्षित औद्योगिक वातावरण उपलब्ध कराया जा सके। उन्होंने कहा कि प्रशिक्षण द्वारा श्रमिकों की नियमित कौशल वृद्धि सुनिश्चित करते हुये रोजगार के अवसर उपलब्ध कराये जायें।
श्रम मंत्री आज बापू भवन स्थित सभाकक्ष में श्रम एवं सेवायोजन विभाग के प्रमुख क्रियाकलापों पर प्रस्तुतीकरण कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे थे। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ जी के निर्देशों के क्रम में श्रम एवं सेवायोजन विभाग ने सराहनीय कार्य किए हैं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने भी अटल आवासीय विद्यालय योजना के तहत के संचालित आवासीय विद्यालयों की प्रशंसा की है। उन्होंने कहा कि विद्यालयों का सतत निरीक्षण किया जाय और विद्यालयों के संचालन में यदि कोई कमी दिखाई देती है, तो उसे शीघ्र दूर किया जाय। उन्होंने कहा कि अगले सत्र की तैयारी अभी से शुरू कर दी जाय, ताकि बाद में कोई समस्या न आये।
श्रम मंत्री ने कहा कि श्रमिक विकास कार्यों की आधारशिला हैं, इसलिए उनका आर्थिक एवं सामाजिक हितलाभ सर्वोपरि है। संगठित व असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों के लिए सुनिश्चित हित लाभ अधिकारों को संरक्षित रखा जाय और औद्योगिक इकाइयों में सुरक्षित वातावरण उपलब्ध कराया जाय।
बैठक में प्रमुख सचिव श्रम, अनिल कुमार ने कहा कि श्रमिकों को सामाजिक सुरक्षा उपलब्ध कराने, सुरक्षित और स्वस्थ वातावरण उपलब्ध कराये जाने, वित्तीय हितलाभ सहित न्यूनतम वेतन का समय से भुगतान सुनिश्चित कराये जाने के लिए श्रम विभाग द्वारा पूरी मेहनत से कार्य किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि औद्योगिक नगरों में कारखानों में कार्यरत श्रमिकों के लिए आवास की व्यवस्था और विभिन्न श्रमिक अधिनियमों से सम्बन्धित कार्यों को ऑनलाइन किया गया है। उन्होंने बताया कि व्यापार जगत की सुगमता हेतु अधिकांश सेवाओं को ऑटोमेटेड किया गया है।
प्रमुख सचिव ने कहा कि श्रम विभाग के अन्तर्गत समस्त कार्यवाही ऑनलाइन की जा रही है। श्रमिकों एवं सेवायोजकों के मध्य विवादों के न्यायिक समाधान के लिए न्यायालयों की स्थापना की गयी है। प्रदेश में 20 श्रम न्यायालय तथा 06 औद्योगिक न्यायाधिकरण स्थापित किये गये हैं। उन्होंने बताया कि असंगठित क्षेत्र में कार्यरत असंगठित कर्मकारों के पंजीकरण एवं उनके हित के लिए विभिन्न कल्याणकारी योजनाएं संचालित किये जाने उद्देश्य से उ0प्र0असंगठित कर्मकार सामाजिक सुरक्षा बोर्ड स्थापित किया गया है।
उन्हांेने बताया कि श्रम एवं रोजगार मंत्रालय भारत सरकार द्वारा देश के असंगठित क्षेत्र में कार्यरत कर्मकारों का नेशनल डेटा बेस बनाने व पंजीकृत करने एवं उनके हितार्थ कल्याणकारी योजनाएं संचालित किये जाने के उद्देश्य से ई-श्रम पोर्टल का आरम्भ किया गया था, जिसमें उत्तर प्रदेश के 8.31 करोड़ असंगठित कर्मकारों का पंजीयन किया गया। उन्होंने बताया कि व्यापारियों और स्व-नियोजित व्यक्तियों के लिए पंेशन योजना में 12,584 पंजीयन के साथ देश में प्रथम स्थान पर और प्रधानमंत्री श्रम योगी मानधन योजना में 6.71 लाख से अधिक पंजीयन के साथ दूसरे स्थान पर है।
प्रमुख सचिव ने कहा कि प्रदेश के उ0प्र0 कर्मचारी राज्य बीमा योजना से 41 जिले आच्छादित हैं। यह योजना 21,000 रूपये प्रतिमाह तक अधिकतम वेतन पाने वाले गैर मौसमी कारखानों या वाणिज्यिक प्रतिष्ठान, जहां 10 या 10 से अधिक कामगार कार्यरत हैं, में लागू है। अब तक 28.68 लाख बीमाकृत व्यक्ति पंजीकृत हैं। उन्हांेने बताया कि कारखाने, दुकान, माल्स, होटल, रेस्टोरेन्ट, सिनेमाघर, सड़क-मोटर परिवहन इकाईयां, समाचार पत्र प्रतिष्ठान, स्कूल, नर्सिंग होम्स तथा डायग्नोस्टिक सेण्टर्स इत्यादि इस योजना से आच्छादित हैं।
कार्यक्रम में श्रमायुक्त, मार्कण्डेय शाही, निदेशक, ई0एस0आई सुरेन्द्र प्रताप सिंह, अपर श्रमायुक्त दिलीप कुमार सिंह, उप श्रमायुक्त, शमीम अख्तर, राज्य समन्वयक, सैय्यद रिजवान अली, के अलावा विभाग के अन्य अधिकारीगण उपस्थित रहे।
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