छात्र की पिटाई मामले में स्कूल प्रबन्ध तंत्र आया सामने मीडिया के समक्ष पेश की सीसीटीवी फुटेज, दिखाई छात्र की हकीकत
•श्री दुर्गा जी पब्लिक स्कूल के प्रधानाचार्य अजीत यादव ने प्रशासन से की सहयोग की अपील
आजमगढ़। अनवरगंज स्थित श्री दुर्गा जी पब्लिक स्कूल में छात्र की पिटाई प्रकरण के मामले में आज स्कूल प्रशासन ने सीसीटीवी फुटेज के साथ मय सबूत सफाई पेश की प्रबंध तंत्र ने कहा कि इस मामले को सुनियोजित तरीके से एक षड्यंत्र के तहत तोड़ मरोड़कर पेश किया गया है, जो पूरी तरह से गलत और निराधार है। स्कूल प्रशासन की तरफ से प्रधानाचार्य अजीत यादव ने कहा कि इस विद्यालय में कक्षा 10 के छात्र अभिषेक कुमार पुत्र अखिलेश कुमार की कई मामले को लेकर शिकायत आ रही थी। छात्र की उदंडता पहले से ही स्कूल में सबको मालूम हो चुकी थी, इसको लेकर उसे कई बार समझाया बुझाया भी गया। मामला एक छात्रा के साथ छेड़छाड़ की शिकायत का था। चूंकि मामला छात्रा से जुड़ा हुआ था, इसलिए उसे समझाया जा रहा था और सार्वजनिक नहीं किया जा रहा था। छात्र विगत 17 दिनों से नहीं आ रहा था। घटना के दिन जब वह स्कूल आया तो उससे पूछताछ के लिए प्रिंसिपल ने बुलाया और शिकायत के बारे में पूछताछ की। उस दौरान भी छात्र ने अनुशासनहीनता का परिचय दिया जिसको लेकर प्रिंसिपल ने उसे डाँटा फटकारा। इसके बाद छात्र ने चलती क्लास से गुस्से में अपना बैग उठाया और चल दिया। प्रबंध तंत्र का यह भी कहना है कि शिकायत को लेकर अभिषेक के भाई को भी बुलाया गया था। अभिषेक के भाई, मामा और उनके चाचा स्कूल में आए थे। इन सभी लोगों की सीसीटीवी फुटेज उपलब्ध है। उनके अभिभावक से पूरी मामले पर बातचीत भी हुई और वह स्कूल में स्कूल प्रशासन की बातचीत से संतुष्ट होकर अपने बच्चे के साथ वे घर चले गए। फिर उन्होंने घर जाकर पूरे मामले को दूसरे रूप में पेश किया। अस्पताल में व्हीलचेयर पर बैठाकर ले जाया गया जबकि उसके साथ ऐसी कोई बात नहीं थी। वह स्कूल परिसर से आराम से पैदल चलते हुए फिर बाइक पर बैठ कर तीन लोग के साथ घर गया। अभिषेक बाइक पर पीछे बैठकर आराम से गया। जिसकी वीडियो सीसीटीवी फुटेज में साफ-साफ दिखाई दे रही है। इस पूरी घटनाक्रम को गलत तरीके से तोड़ मरोड़ कर पेश किया गया है। आपको यह भी बता दें कि छात्र की 2 वर्ष की फीस भी बकाया है, बावजूद इसके भी संस्था उसके पठन-पाठन में कोई रुकावट नहीं की। अभिषेक और उसके परिजन द्वारा जिस तरीके से इस घटना को गलत तरीके से पेश किया गया है, इससे संस्था की छवि धूमिल हो रही है और शिक्षक भी डरे और सहमे हैं। ऐसे में पुलिस प्रशासन से हमारी मांग है कि छात्र हित को ध्यान में रखते हुए प्रशासन विद्यालय का सहयोग करे जिससे अन्य छात्रों का अहित न हो। और घटना की सच्चाई का अनावरण कर हमें इस घटना से बरी किया जाए ताकि स्कूल में पठन-पाठन का माहौल सुचार रूप से चल सके।
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