पंचकर्म चिकित्सा पद्धति में प्रशिक्षण देने की समुचित व्यावस्था किया जाए-डॉ0 दयाशंकर मिश्र ‘दयालु’
लखनऊ: उत्तर प्रदेश के आयुष राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार), खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन (एमओएस) डॉ0 दयाशंकर मिश्र ‘दयालु’ ने आज विधान भवन स्थित अपने कार्यालय कक्ष में आयुर्वेद एवं होम्योपैथ विभाग के अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की। उन्होंने पंचकर्म को लोगों के लिए सरल एवं सुलभ बनाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि पंचकर्म में सभी के लिए इलाज सुलभ हो हमें पंचकर्म इस रूप में विकसित करना है। उन्होंने निर्देश दिए कि प्रदेश के सभी आयुष कॉलेजों में पूर्ण पंचकर्म से इलाज की व्यवस्था हो। लोगों को इस पद्धति से इलाज के फायदे के बारे में विस्तार से बतायें। यहां संचालित वेलनेस सेन्टर की उपयोगिता को बढ़ाते हुए स्टॉफ को पंचकर्म के बारे में उचित प्रशिक्षण देने की व्यवस्था की जाए। उन्होंने लोगों को अधिक से अधिक पंचकर्म से जोड़ने हेतु निर्देशित किया।
आयुष मंत्री ने आयुष विभाग के अधीन कार्यरत सभी अस्पतालों की सुरक्षा एवं उसका पूर्ण उपयोग करने हेतु निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि अपने अस्पताल की जमीन पर कोई अवैध कब्जा हो, तो तत्काल इसकी सूचना दें। अस्पताल की खाली जमीन पर औषधीय पौधे (जैसे अर्जुन, नीम इत्यादि ) लगवायें, जिससे कि खाली पड़ी जमीन का सदुपयोग हो सके।
डॉ0 दयालु ने विभागों में रिक्त पदों के सापेक्ष आयोग को भेजे गये अधियाचन के बारे में जानकारी ली और रिक्त पदों को यथाशीघ्र भरे जाने हेतु निर्देशित किया। इस संबंध में निदेशक ने बताया कि आगामी सितम्बर-अक्टूबर माह तक विभाग को प्रिन्सिपल एवं लेक्चरर पर्याप्त संख्या में मिल जायेंगे। उन्होंने विभाग द्वारा नवनिर्मित कार्यालयों का लोकेशन उच्च अधिकारियों के साथ शेयर करने के निर्देश दिए, जिससे कि उचित जगह पर कार्यालयों का निर्माण कराया जा सके।
डॉ0 दयालु ने प्रदेश में निर्मित होने वाले 250 राजकीय आयुर्वेदिक डिस्पेंशरी के निर्माण हेतु नियुक्त कार्यदायी संस्था के साथ प्रत्येक माह बैठक कर प्रगति के बारे में अद्यतन स्थिति प्राप्त करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि निर्मित होने वाले डिस्पेंशरी की गुणवत्ता की समय-समय पर अधिकारी स्वयं भी अपने स्तर से जांच करें। उन्होंने जनपद बुलन्दशहर, उन्नाव, श्रावस्ती, गोरखपुर, मथुरा, हरदोई, मिर्जापुर, बलिया, जालौन एवं रायबरेली में 50 शैय्या एकीकृत आयुष चिकित्सालयों के निर्माण को शीघ्र पूर्ण कराने के निर्देश दिए। साथ ही इन अस्पतालों में मरीजों के पेयजल, शौचालय, बैठने की व्यवस्था इत्यादि की सुविधाएं मुहैया हो, इसके भी निर्देश दिए।
आयुष मंत्री ने कहा कि अपने यहां संचालित कॉलेजों की रैंकिंग व्यवस्था भी शुरू की जाए, जिससे कि अपने यहां कार्यरत प्रिन्सिपल, रीडर, लेक्चरर आदि के साथ-साथ पढ़ने वाले छात्रों का मनोबल बढ़ सके एवं रैंकिंग में निम्न स्थान प्राप्त करने वाले कॉलेज को अच्छा करने की प्रेरणा मिले। उन्होंने कहा कि प्रत्येक कॉलेजों में विशेषज्ञों द्वारा सेमिनॉर का आयोजन कराने की व्यवस्था की जाए।
प्रमुख सचिव आयुष श्रीमती लीना जौहरी ने मंत्री जी को विभाग की योजनाओं के बारे में विस्तार से अवगत कराया। उन्होंने मंत्री जी को आश्वस्त किया कि उनके द्वारा दिए गए निर्देशों को कड़ाई से अनुपालन कराया जायेगा।
समीक्षा बैठक में विशेष सचिव आयुष हरिकेश चौरसिया, निदेशक आयुर्वेद डॉ0 पी0सी0 सक्सेना, निदेशक होम्योपैथ डॉ0 ए0के0 वर्मा सहित अन्य विभागीय अधिकारी उपस्थित थे।
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