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कारगिल शहीद रामसमुझ यादव के श्रद्धांजलि सभा मे देश के नायकों सहित लोगो ने दी श्रद्धांजलि

आजमगढ़ : कारगिल शहीद रामसमुझ यादव के श्रद्धांजलि सभा मे देश के नायकों सहित लोगो ने दी श्रद्धांजलि।
कारगिल शहीद रामसमुझ यादव के श्रद्धांजलि सभा मे देश के नायकों सहित लोगो ने दी श्रद्धांजलि।
बच्चों ने सांस्कृतिक कार्यक्रमों से मोहा सबका मन।
25 शहीद परिवारों को किया गया सम्मानित
आजमगढ़।
सगड़ी तहसील क्षेत्र के नथ्थुपुर अंजान शहीद के शहीद पार्क में कारगिल शहीद रामसमुझ यादव की 23 वी सहादत दिवस पर शहीद मेला एव श्रद्धाजंलि सभा का आयोजन किया गया।
जिसपर पूर्वांचल के कुल 25 शहीद परिवारों को अंगवस्त्रम एव मोमेंटो देकर सम्मानित किया गया। इस दौरान पहले शहीद के पिता राजनाथ यादव,प्रमोद यादव, भतीजे भतीजियों में अभय यादव,अभिनव यादव, आशीष यादव,आराध्या यादव,कारगिल योद्धा दीपचंद,राइफल मैन सूबेदार परमवीर चक्र विजेता संजय कुमार डाक्टर,अनूप यादव आदि ने श्रद्धा सुमन अर्पित किया।
इस दौरान मेले जैसा पूरा माहौल बना रहा जहां कई तरह की दुकानें सजी रही। कारगिल योद्धा दीपचंद ने कहा कि क्या आप लोग कभी जिंदा सैनिकों को सम्मान दे सकते हो। कम ही सैनिक मिलते है जो सैनिकों की कहानी सुना सके। हम सैनिक जो है सबसे मजबूत होते है। भारत देश के बारे में कोई नही सोचता।आवाम को अभी भी समय है।
सेना देश और देश की जनता के लिए जीते है। पर आज देश का नेता सैनिकों के बारे में नही सोचता क्या 22 साल की सेवा में सैनिक एक करोड़ रुपये नही कमा सकते क्या सैनिक की मौत पर जो एक करोड़ देते है वह कोई खैरात नही है। हमारा हर कदम देश के लिए आजीवन समर्पित रहेगा। परमवीर चक्र विजेता राइफल मैन एव सूबेदार संजय कुमार ने कहा कि हमने आज मेले में जो कुछ देखा वह अनोखा है।
पूरे देश मे शहीदो का मेला भाई द्वारा लगाना वह आजमगढ की मिट्टी में ही है जो एक भाई कर रहा है जो पूरे देश मे नही है। जिन शहीदों ने श्रद्धांजलि दी है। उन शहीदों का सम्मान होना चाहिए।वह सैनिक जब अपना सर्वत्र न्योछावर करता है तो उसके जनाजे में नेता प्रशासन तो आते है पर बाद में सब भूल जाते है।सैनिक परिवार का जो दर्द है वह परिवार आजीवन सहन करता है।मेरे साथ भी कई सैनिक शहीद हुए पर इस तरह का सम्मान जो एक भाई द्वारा किया जा रहा है। वह आज तक नही देखा। इस तरह का सम्मान आने वाले समय मे प्रेरणा का काम करेगा।
कहि भी खड़े होकर भाषण देने आसान है। पर शहीद हुए लोगो को सम्मान देना देश का सम्मान है। बहुत सारे लोग है जो आप के साथ कंधा मिलाकर चलने को तैयार है।सैनिक जब देश सेवा करने जाता है तो शहीद होने पर गांव प्रशासन क्या उनके घर कभी जाता है। हर बच्चा को ऐसी शिक्षा दे जो देश और परिवार का नाम रोशन कर सके। संस्कार अपने घर से ही मिलता है जरुरी है कि बचपन से ही संस्कार दे। कारगिल में बहुत सारे सैनिकों ने अपना सर्वत्र न्योछावर किया है। जब भी कोई युद्ध हुआ तो भारत ने सुरुआत नही किया है हमेशा दुश्मनों ने हमला बोला है।
सैनिक देश के हौसले से लड़ता है। सभी सैनिक जानते है कि लड़ाई पर जाने को जिंदा आने के कम चांस होते है।शहीद की सहादत के बाद यह तो पता चले कि उसकी अन्तिम इच्छा क्या है। आजमगढ में जो यह स्थान से पूरे देश मे जो सन्देश देने की जो पहल की है वह एक मिसाल है जो सम्मान आप ने हमे दिया वह हमारे लिए एक बड़ा सम्मान है। आप एक मुट्ठी में जब तक हो कोई आप को तोड़ नही सकता।
इस दौरान कहरवा, धोबिया नृत्य की और छात्रों द्वारा बेहतरीन एक से बढ़कर एक सांस्कृतिक कार्यक्रम की प्रस्तुति देकर मन मोह लिया। वीरेन्द्र भारती ने कई शहीद गीत और लोक गीत प्रस्तुत किये। साथ ही देश के कई कवियों ने अपनी रचनाओं से उपस्थित लोगों को तालिया बजाने पर मजबूर कर दिया।
बादशाह प्रेमी ने हास्य कविताओं से जमकर गुदगुदाया।इस दौरान सगड़ी विधायक एच एन सिंह पटेल,डाक्टर अनूप यादव,हवलदार यादव,विश्वप्रकाश सिंह मुन्नू,उधम सिंह राठौर,मनोज यादव गीतकार,राजनाथ यादव राजेश यादव,शंकर यादव,अरबिंद जायसवाल आदि रहे।


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