गोताखोरों ने घंटों प्रयास कर नदी में डूबी कब्र खोद बालक का शव निकाला, मौत के ग्यारहवें दिन पीएम कराने के लिए निकाला गया बालक का शव
खुटहन जौनपुर : घाट पर दस दिनों पूर्व मिट्टी के नीचे दफन किया गया बालक का शव मंगलवार को गोताखोरों की मदद से पुलिस ने बाहर निकाल पीएम हेतु भेज दिया। शव दफन करते समय गोमती नदी का तट सूखा था। अब पानी में बढ़ाव के चलते उसके ऊपर लगभग दस फिट तक पानी लग गया था। नदी में नाव ले जाकर रस्सी से बांध गोताखोरों ने दो घंटे तक प्रयास किया। तब जाकर शव बाहर निकाला जा सका। मृत बालक के पिता ने जिलाधिकारी से शिकायत किया था कि एक नीम हकीम चिकित्सक के द्वारा इलाज के नाम पर बेटे को गलत इंजेक्शन लगा दिया गया था। जिससे उसकी जान चली गई।
रानीपुर गांव निवासी रोहित विश्वकर्मा ने थाने में तहरीर देकर आरोप लगाया था कि उनके आठ वर्षीय पुत्र शिवांश के पैर में फोड़ा फुंसी हो गया था।जिसका इलाज कराने वह बीते 19 अगस्त को मोबारकपुर बाजार स्थित एक बगैर नाम के संचालित अस्पताल पर गया था। यहां नीम हकीम पिंटू यादव के द्वारा बालक को इंजेक्शन दिया गया। उसके तुरंत बाद शिवांश को उल्टी हुई, फिर वह बेहोश हो गया। जिला चिकित्सालय ले जाते समय रास्ते में उसकी मौत हो गई। पीड़ित पिता का कहना था कि बेटे की मौत के सदमे से वह मानसिक संतुलन खो चुका था। लोगों के बहकावे में आकर शव को पिलकिछा घाट पर दफना दिया था। घटना के तीसरे दिन पिता ने थाने में नीम हकीम के खिलाफ तहरीर दिया था। पुलिस ने पिंटू यादव के खिलाफ गैर इरादतन हत्या का केस दर्ज कर लिया। आरोपित की गिरफ्तारी और शव का पीएम कराए जाने हेतु पिता रोहित ने डीएम से गुहार लगाई थी। जिस पर कार्रवाई करते हुए शव को बाहर निकाल लिया गया। मौके पर क्षेत्राधिकारी शाहगंज सुभम तोंदी,नायब तहसीलदार संदीप गुप्ता, लेखपाल दूधनाथ के अलावा सुरक्षा हेतु सरपतहा, बदलापुर और खेतासराय थाने से भी पुलिस बल बुलवाया गया था।
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