अर्जुन सिंह के जन्मदिन पर याद किये गए अर्जुन सिंह के किशोरावस्था के त्याग और बलिदान
बिलरियागंज/ आजमगढ़ स्थानीय थाना महराजगंज के परशुरामपुर स्थिति जुडारामपुर निवासी कैप्टन अर्जुन सिंह का जन्म 3 जनवरी 1901क़ो जुड़ारामपुर गाँव में एक क्षत्रिय राजपूत ज़मींदार परिवार में हुआ था। माता का नाम मूर्ति देवी सिंह और पिता का नाम राम हरख सिंघ था जो की प्राथमिक विद्यालय में अद्ध्यापक थे ।
किशोरावस्था में ही आपने गृह त्याग दिया आर्य समाज द्वारा संचालित सामाजिक कुरीतियों के ख़िलाफ़ मुहिम छेड़ी किंतु 1926 में
स्वामी श्र्द्धानंद की मृत्यु के बाद हिंदुस्तान रिपब्लिकन आर्मी और Hsra (हिंदुस्तान socialist रिपब्लिकन आर्मी)के लिए काम करने लगे इस दौरान चंद्र्शेखर आज़ाद का सानिध्य रहा फिर
कोंग्रेस जोईन कर लिएज़िला कांग्रिस कार्यकारिणी के सदस्य और कांग्रिस सेवाडल के कप्तान बनाए गये
पहली बार जौनपुर जेल में सविनय अवज्ञा आंदोलन में बंद हुए 50 रुपया जुरमाना और छः महीने की सजा मिली जुर्माना नहीं भरा इसलिए सजा बढ़ा दी गई
1926 se 1947 तक ब्रिटिश सरकार के ख़िलाफ़विभिन्न आंदोलनो में हिस्सा लेने के क्रम में(। बिलरियागंज .फूलपुर ,पिपरीडीह ,आज़मगढ़ स्टेशन कांड ,सहजनवा (गोरखपुर)कांड ,पटवध कांड में अभियुक्त रहे )इस कारण कारण ब्रिटिश सरकार द्वारा बारम्बार जुर्माने लगाए गये ,ज़मींदारी कुर्क की गई .घर फूंका गया आज़ादी मिलने तक
जौनपुर ,वाराणसी बरेली आज़मगढ़ की जेलों में यातनाएँ काटे ।कुल पाँच बार जेल गये
सारी सज़ाओं और यातनाओं के बाद भी कभी जुर्माना नहीं भरा ,कभी ब्रिटिश सरकार के सामने झुके नहीं ।
नेताजी सुभाष चंद्र बोस ने जब कोंग्रेस अद्ध्य्क्ष पद से स्थीपा दिया तब उन्हें आज़मगढ़ फूलपुर बुलाकर सम्मानित किया गया जिसमें लोकतंत्र सेनानी समिति के प्रदेश अध्यक्ष पुर्व मंत्री यशवंत सिंह ने द्वार का लोकार्पण किया जिसमें उपस्थित नामवर सिंह, कृष्ण पाल एडवोकेट, शंकर यादव, ज्ञानेंद्र उर्फ ज्ञानू सिंह , धनंजय सिंह,हरेद, कुंवर रण्जंय सिंह, अनिल सिंह,केशव नारायण सिंह, बलवंत सिंह,राम सागर सिंह, रिखदेव सिंह , प्रमोद सिंह, केशरी सिंह टाईगर आदि लोग उपस्थित रहे
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