शिक्षक बच्चों को संवारने के साथ-साथ देश के भविष्य को संवारने का काम करता है
अहरौला आजमगढ़ - विकासखंड अहरौला सभागार पर आज दिन बुधवार को शिक्षा विभाग द्वारा आयोजित हमारा आंगन हमारे बच्चे उत्सव कार्यक्रम के अंतर्गत अभिभावक आंगनबाड़ी कार्यकत्री ग्राम प्रधान के साथ एक सामन्यव में प्रशिक्षण कार्यक्रम किया गया इसमें मुख्य अतिथि के रूप में पहुंचे ब्लॉक प्रमुख प्रतिनिधि शकील अहमद ने कहा बच्चों के विकास के लिए और उनके भविष्य को संवारने के लिए साथ-साथ उनके परिवार के सपनों को साकार करने के लिए बच्चों को शिक्षा के माध्यम से उन्हें परिपूर्ण करने का काम एक शिक्षक कर रहा है और एक बच्चे के विकास के साथ-साथ शिक्षा की मूलभूत सुविधाओं को जोड़कर उसके मानसिक विकास के साथ देश के भविष्य का भी विकास हो रहा है और एक शिक्षक कायदायित्व एक बच्चे को पढ़ने के साथ-साथ उसकी प्रतिभाओं को पहचान कर उसी के अनुकूल उसे शिक्षित कर सवारने का भी काम करना है यह एक बड़ी जिम्मेदारी है या तभी संभव है जब शिक्षक के साथ-साथ अभिभावक भी अपनी जिम्मेदारियां को समझे क्योंकि 6 घंटे बच्चे शिक्षक के पास रहते हैं और बाकी समय बच्चे अपने परिवार के साथ हमें अपने बच्चों के साथ समय देना होगा उनकी हर छोटी बड़ी जरूरत को समझना होगा तभी जाकर हम बच्चों को एक अच्छे परवरिश में ढल कर उन्हें भविष्य के लिए देश की सेवा के लिए तैयार कर सकेंगे ,
वही खंड शिक्षा अधिकारी संतोष कुमार सिंह ने कहा एक शिक्षक ही है जो माता-पिता के बाद छात्रों के एक गुरु की भूमिका निभाता है और एक शिक्षक चाहे तो बच्चों के विकास के साथ उसके परिवार का भी विकास कर सकता है और परिवार के विकास के साथ देश का भी विकास कर सकता है ,
इस मौके पर खंड विकास अधिकारी आलोक कुमार ने कहा शान द्वारा संचालित शिक्षा के प्रति कई लाभकारी योजनाएं चलाई जा रही हैं जिससे छात्र-छात्राओं को शिक्षा की दिशा में आगे ले जा रहा है कायाकल्प के माध्यम से विद्यालयों का समावेशी विकास किया गया बच्चों के शिक्षा के लिए एक अच्छा माहौल किया गया और जब शिक्षित बच्चे स्वच्छ बच्चे और स्वस्थ बच्चे का प्रयास क्रियान्वयन होगा तो निश्चित तौर से आगे जाकर देश का बहुत ही अच्छा विकास होगा
तो वहीं शिक्षा विभाग से आए, आर एन सेलही ने कहा चहक कार्यक्रमके अंतर्गत बच्चों को शिक्षा की नई मुख्य धारा से जोड़ने का काम करना होगा तभी जाकर हम बच्चों को सही रूप से शिक्षा की दिशा में आगे ले जा पाएंगे जबकि बच्चे 30% विद्यालय में सीखते हैं तो वही 70% घर पर सीखते हैं हम बच्चों को पढ़ाते हैं प्रैक्टिस कराते हैं शिक्षा के माहौल का अनुकूल प्रभाव देते हैं जब हम अच्छा करेंगे तभी हम बच्चे की आदत में सुधार कर पाएंगे हमें हमेशा अध्यनरत होना चाहिए हमें एक अच्छा माहौल बनाकर बच्चों के दिमाग में अच्छा क्रिएट करना चाहिए इसीलिए हम बच्चों के साथ लगातार पैरेंट मीटिंग के माध्यम से बच्चों के दिमाग के बारे में समझना और उनकी हरकतों के बारे में बताने का काम करते हैं इससे हम बच्चों के शिक्षा के प्रति पूर्ण रूप से परिपूर्ण बना सकते हैं और बच्चों के सामने कभी भी गलत शब्दों का प्रयोग नहीं करना चाहिए हमें उन्हें हमेशा अच्छी आदतों के करने का प्रयास करना चाहिए 0 से 3 साल तक के बच्चे आंगनबाड़ी के माध्यम से शिक्षित होंगे इसके आंगनबाड़ी की भूमिका बच्चों के प्रति एक मां की तरह होना चाहिए और आंगनबाड़ी केंद्र को बेकार पड़ी चीजों से सजावट का सामान बनाकर बच्चों को खेलने के प्रति आकर्षित करना चाहिए और खेल के माध्यम से ही बच्चों को शिक्षित करना चाहिए
कार्यक्रम की शुरुआत खंड विकास अधिकारी आलोक कुमार ने सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण कर दी प्रज्वलित किया छात्र-छात्राओं द्वारा सरस्वती वंदना नाटक से की गई और स्वागत गीत भी सुनाई गई इस मौके पर कृष्ण कुमार शुक्ला एडियो पंचायत अमरजीत सिंह राजनाथ पाल अरविंद कुमार सिंह भैरव यादव रामबदन यादव पवन चौबे के सी यादव सूबेदार यादव प्रमुख प्रतिनिधि शकील अहमद आदि लोग रहे।
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