नाबालिग लड़कियों के जिस्म का सौदा, हकीकत कर देगी शर्मसार,पॉश एरिया और आलीशान कोठी का काला सच
आगरा। आगरा में पश्चिम बंगाल और महाराष्ट्र से नाबालिग लड़कियों को काम दिलाने का लालच देकर फंसाया जाता है और देह व्यापार के धंधे में धकेला जा रहा है। एक बार इस धंधे में आने के बाद उन्हें लाैटने का माैका नहीं दिया जाता। दलदल में फंसी लड़कियां घरवालों को बताती थीं कि सितारा होटल में काम करतीं हैं। बसई खुद स्थित एक मकान से मुक्त कराई गईं तीन युवती और दो किशोरियों ने पुलिस को काउंसिलिंग में यह जानकारी दी है। लड़कियों को वन स्टाप सेंटर भेजा गया है। वहीं पकड़े गए आठ ग्राहकों और तीन संचालिका को जेल भेजा गया।
बसई खुद स्थित मुकुंद विहार में सोमवार रात पुलिस ने छापा मारा था। एक घर से आठ युवक के साथ पांच लड़कियों और तीन संचालिका पकड़ी गईं थीं। इन पांच लड़कियों में दो नाबालिग हैं। इनमें दो सगी बहनें भी हैं। नाबालिगों में एक मुंबई की जबकि दूसरी धाैलपुर की है। दोनों एक सप्ताह पहले आगरा आई थीं। उन्हें काम दिलाने के बहाने फंसा कर बुलाया गया था। वहीं तीन अन्य दो महीने से इस धंधे में लगी थीं। पुलिस ने पकड़ी गईं युवतियों और किशोरियों की काउंसिलिंग की। उनका कहना था कि परिवार काफी गरीब है। पिता ज्यादा कमा नहीं पाते हैं। परिवार का खर्च नहीं चल पाता है। इस कारण परिवार की जिम्मेदारी उनके ऊपर आ गई है। इस कारण काम की तलाश में थीं। तभी उन्हें देह व्यापार में लगा दिया गया। इस बारे में परिवार के लोगों को जानकारी नहीं है। जब भी परिवार के लोग फोन पर कामकाज के बारे में पूछते थे, वो यही कहती थीं कि सितारा होटल में काम करतीं हैं। इससे परिवार वाले भी आश्वस्त रहते थे। जिस मकान में उन्हें रखा गया, वहां से बिना बताए कहीं नहीं जा सकती हैं। फोन करने की भी इजाजत नहीं थी। संचालिका परिवार के लोगों से बात कराती थी। इस दाैरान वह उनकी सारी बातें भी सुनतीं थी। एसीपी ताज सुरक्षा सैय्यद अरीब अहमद ने बताया कि मामले में अनैतिक देह व्यापार निवारण अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है। 3 संचालिका के साथ 8 ग्राहक पकड़े गए। सभी को कोर्ट में पेश किया गया, जहां से सभी को जेल भेजा गया। वहीं दो नाबालिगों को बाल कल्याण समिति के समक्ष पेश किया। सभी को वन स्टाप सेंटर में रखा गया है।पुलिस ने जिस मोहल्ले में छापा मारा, वहां पर पहले भी कार्रवाई की गई थी। एक युवती को मुक्त कराया गया था। अब छापा मारा तो आरोपी संचालिका के मकान पर एक कागज पर प्रिंट कराकर लिखा गया था कि यहां पर फैमिली रहती है, ताकि पुलिस चेकिंग न करे।
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