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आदेश से ज्यादा पालन विनाश का कारण - बाबा बजरंगदास - संगीतमय रामकथा का तीसरा दिन


कादीपुर (सुलतानपुर)। आदेश से ज्यादा पालन विनाश का कारण बनता है। रावण ने कहा था कि हनुमान को पकड़ कर पूछ विहीन कर दो लेकिन उनके अधिकारियों व कर्मचारियों ने उनकी पूछ पर कपड़ा और तेल आदि लगाकर आग लगा दी जिसका परिणाम पूरी लंका को भुगतना पड़ा। इसलिए जितना आदेश हो पालन भी उतना ही होना चाहिए। यह बातें बाबा बजरंगदास ने कहीं। 
वह जूनियर हाईस्कूल मैदान में चल रही नौ दिवसीय संगीतमय रामकथा के तीसरे दिन प्रवचन कर रहे थे। 
उन्होंने कहा कि जिसका अभिमान समाप्त हो जाता है वही हनुमान बन पाता है। हनुमान जी जब मेघनाद के फांस में बंध गये तो राक्षसों ने हनुमान जी को कई तरह से परेशान किया , लात और मुक्कों से मारा लेकिन हनुमान जी मुस्कुराते रहे। सीता की खोज में जब सब बंदर भालू हैरान हो गये । निराशा के क्षण में जामवंत ने शांत बैठे हनुमान से कहा कि आपका अवतार राम कार्य के लिये ही हुआ है। इतना सुनकर हनुमान का उत्साह दुगना हो गया और वो समुद्र पार लंका जाकर सीता का पता लगा के लौट आये।
बाल व्यास सम्पूर्णानंद ने अपने प्रवचन में कहा कि संत का सानिध्य ईश्वर का दर्शन करा देता है। जो संत का उपदेश मानते हैं उन्हें जीवन की ऊंचाई प्राप्त होती है। संत भक्ति उपजाता है क्योंकि राम उसे ही मिलते हैं जिसके हृदय में भक्ति होती है। 
संचालन वरिष्ठ साहित्यकार मथुरा प्रसाद सिंह जटायु ने किया। भजन गायक अशोक दूबे ने वाद्य कलाकार परमानंद सिंह व आशुतोष के साथ लोगों को भक्ति रस में डूबो दिया। इस अवसर पर संयोजक सुरेन्द्र प्रताप सिंह, ज्ञानेन्द्र विक्रम सिंह रवि, राम जियावन मोदनवाल, एडवोकेट रमेश तिवारी व मनोज पाण्डेय आदि उपस्थित रहे।


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