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इस दिग्गज IT कंपनी में 96 पैसे पर दांव लगाकर निवेशक बने करोड़पति, ₹10,000 का निवेश बना 1.81 करोड़ रुपये Infosys success journey

Infosys success journey: आईटी इंडस्ट्री की दिग्गज कंपनी इंफोसिस (Infosys) में दांव लगाने वाले निवेशकों को जबरदस्त फायदा हुआ है। कंपनी ने लंबी अवधि में अपने निवेशकों को बंपर रिटर्न दिया है। 23 फरवरी 1996 को एनएसई पर कंपनी के शेयर महज 96 पैसे पर थे, जो अब बढ़कर 23 फरवरी 2022 को एनएसई पर 1,742.80 रुपये पर पहुंच गए। 26 साल की इस अवधि में कंपनी के शेयर ने लगभग 18,1358.33 फीसदी का तगड़ा रिटर्न दिया है। अगर किसी निवेशक ने कंपनी के शेयर 26 साल पहले 96 पैसे के हिसाब से 10,000 रुपये लगाए होते तो आज की तारीख में यह रकम 1.81 करोड़ रुपये हो जाती। 
वहीं, इंफोसिस के शेयर 23 साल में अपने शेयरधारकों को मैक्सिमम 14,937 फीसदी से ज्यादा का तगड़ा रिटर्न दिया है। कंपनी के शेयर 1 जनवरी 1999 को एनएसई पर 11.59 रुपये के स्तर पर थे जो अब बढ़कर एनएसई पर 1,742.80 रुपये हो गए हैं। इस लंबी अवधि में इस IT शेयर ने अपने शेयरधारकों को 14,937.10 का रिटर्न दिया है। यानी 1999 में अगर किसी निवेशक ने 1 लाख रुपये लगाए होते तो आज के समय में यह रकम 1.50 करोड़ हो जाती।
29 साल पहले आया था आईपीओ
भारत की दूसरी सबसे बड़ी आईटी कंपनी इंफोसिस लिमिटेड का आईपीओ (Infosys IPO) 29 साल पहले 14 जून 1993 को आया था। इसे फरवरी 1993 में लाॅन्च गिया था, लेकिन शेयर बाजार में इसकी लिस्टिंग जून में हुई थी। इंफोसिस लिमिटेड स्टॉक रिटर्न के मामले में अब तक की सबसे अच्छी ब्लू-चिप कंपनी में से एक रही है। उस समय कंपनी का आईपीओ प्राइस बैंड 95 रुपये था और कंपनी के शेयर 145 रुपये पर लिस्ट हुए थे। इंफोसिस के शेयरों की घरेलू बाजार ब्लॉकबस्टर शुरुआत हुई थी, कंपनी के शेयर 50% से ऊपर लिस्ट हुए थे। वर्तमान में बीएसई पर इंफोसिस के शेयर 1743.35 रुपये पर पहुंच गए हैं। लिस्टिंग प्राइस से अब तक कंपनी के शेयरों ने 1102.07 फीसदी का रिर्टन दिया है। वर्तमान में इंफोसिस का मार्केट कैप 7.33 लाख करोड़ रुपये है।
इस तरह बढ़ता गया कारोबार
अक्टूबर 1994 में 450 रुपये प्रति शेयर की दर से 5,50,000 शेयर पब्लिक को ऑफर किए गए। मार्च 1999 में इंफोसिस ने 100 मिलियन डॉलर का आंकड़ा छू लिया। इसी साल यह नैस्डेक में लिस्टेड होने वाली भारत की पहली आईटी कंपनी बन गई। 1999 में कंपनी के शेयर के दाम 8,100 रुपए तक पहुंच गए। इसके साथ ही यह सबसे महंगा शेयर बन गया तब इंफोसिस मार्केट कैपिटलाइजेशन (Infosys market cap) के लिहाज से नैस्डेक में लिस्टेड 20 बड़ी कंपनियों में शामिल हो गई।
पत्नी से उधार लेकर शुरू की थी कंपनी
इंफोंसिस को इस मुकाम तक पहुंचाने का श्रेय नारायण मूर्ति (narayan murthy) को जाता है जिन्होंने सन् 1981 में महज 10 हजार रुपये से इस कंपनी की नींव रखी थी। इसके लिए उन्होंने अपनी पत्नी से उधार पैसे लिए थे और यह कंपनी TCS, HCL और विप्रो के टक्कर की आईटी कंपनी (IT Company) है। कंपनी 1990 के बाद तेजी से विकसित हुई है। लंबे समय तक कंपनी के सीईओ रहे मूर्ति
नारायण मूर्ति, जो अब 75 साल के हैं, इंफोसिस के सह-संस्थापकों में से एक हैं। एन आर नारायण मूर्ति 1981 से 2002 तक इंफोसिस के सबसे लंबे समय तक चलने वाले सीईओ थे। उन्होंने 2002 से 2006 तक बोर्ड के अध्यक्ष के रूप में कार्य किया। इसके बाद, वे कंपनी के मुख्य सलाहकार बने। एन आर नारायण मूर्ति ने वर्ष 2011 में इंफोसिस से इस्तीफा दे दिया और वर्तमान में अध्यक्ष एमेरिटस का खिताब रखते हैं।


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