Education world / शिक्षा जगत

राम के आदर्शों के संवाहक और संपोषक थे, कर्मयोगी पंडित रामकिशोर त्रिपाठी - प्रोफेसर राम जी तिवारी

सुल्तानपुर।स्थानीय /संत तुलसीदास पीजी कॉलेज कादीपुर सुलतानपुर में रामनवमी महोत्सव के अवसर पर कर्मयोगी पंडित राम किशोर त्रिपाठी की 100वीं जयंती उल्लास पूर्वक मनायी गई। इस अवसर पर 'श्री राम और राम कथा की भारतीय संस्कृति में व्याप्ति' विषयक संगोष्ठी को संबोधित करते हुए मुख्य अतिथि प्रोफेसर राम जी तिवारी, पूर्व अध्यक्ष हिंदी विभाग मुंबई विश्वविद्यालय ने कहा कि राम सम्पूर्ण विश्व में व्याप्त हैं। वह एक देशीय नहीं, एक धर्मीय नहीं अपितु वह सब में रमने वाला है। भारतीय संस्कृति में राम नाम बहुतों का उद्धार करता रहा है। राम के उद्दात्त गुणों को अपनाकर ही हम आदर्श समाज की स्थापना कर सकते हैं। कर्मयोगी पंडित जी ऐसे ही सत्पुरुष थे जिनका सुयश चतुर्दिक फैला हुआ है। विशिष्ट अतिथि डॉ ओंकार नाथ द्विवेदी, पूर्व अध्यक्ष हिंदी विभाग, संत तुलसीदास पी.जी. कॉलेज कादीपुर सुलतानपुर ने बताया कि राम जैसा व्यक्तित्व पूरे विश्व में कहीं नहीं है, वे भारतीय संस्कृति के प्रतीक पुरुष हैं।आगे उन्होंने कहा हमारी भारतीय संस्कृति यह संदेश देती है कि हम सभी राम की तरह ही प्रसन्नतापूर्वक जीवन में दुख सहन करते हुए अपने लक्ष्य की ओर निरन्तर आगे बढ़ते रहें।

कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए प्रबंध समिति के अध्यक्ष डॉ.ओमप्रकाश पांडेय जी ने कहा कि जिस प्रकार श्री रामचन्द्र जी रहे उसी प्रकार हमें रहना चाहिए। यही भगवान राम और पंडित जी का संदेश है। इसका अनुपालन करते हुए आसुरी वृत्ति के प्रतीक का अंत कर रामराज्य की स्थापना की जा सकती है। महाविद्यालय के प्रबंधक श्री सौरभ त्रिपाठी ने कहा सामाजिक समरसता ही समाज को आगे ले जा सकती है यह प्रेरणा प्रभु श्री रामचंद्र जी और कर्मयोगी पंडित राम किशोर त्रिपाठी जी से लेना चाहिए। प्राचार्य प्रोफेसर रामनयन सिंह ने आगत अतिथियों के प्रति आभार ज्ञापित करते हुए कहा कि श्री रामचन्द्र जी और पंडित रामकिशोर त्रिपाठी जी भारतीय संस्कृति के उच्चादर्श थे। उनके आदर्शों को आत्मसात करके ही एक स्वस्थ समाज की स्थापना की जा सकती है। इस अवसर पर संस्कृत के पूर्व विभागध्यक्ष डॉ सुशील कुमार पांडेय द्वारा संपादित 'चेतनता' पत्रिका का लोकार्पण भी अतिथियों द्वारा किया गया। साथ ही प्राचीन इतिहास विभाग एवं संस्कृत विभाग के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित पंचदिवसीय 'ब्राह्मी लिपि अभ्यास एवं अनुप्रयोग' विषयक कार्यशाला में प्रशिक्षित छात्र-छात्राओं ने अतिथियों के समक्ष अपना अनुभव साझा किया। अतिथियों का परिचय देते हुए प्रतीक कुमार मौर्य, असिस्टेंट प्रोफेसर हिंदी विभाग ने उनका स्वागत किया। इस अवसर पर डॉ करूणेश प्रकाश भट्ट ने पंडित जी के व्यक्तित्व पर केंद्रित स्मृति गीत का मधुर गायन प्रस्तुत किया।
कार्यक्रम का सफल संचालन डॉ सतीश कुमार सिंह ने किया। इस अवसर पर प्रबंध समिति के वरिष्ठ सदस्य डॉ.गजेंद्र नारायण मिश्र, सतीश चंद्र शुक्ल, जियालाल, अशोक तिवारी, गौरव त्रिपाठी, सुभाष चंद्र यादव, कौशलेन्द्र मिश्र, मनोज सिंह, डॉ.श्रवण मिश्रा, आनंद जायसवाल अध्यक्ष नगर पंचायत,मकबूल अहमद, अब्दुल हमीद,  डॉ अरुण कुमार मिश्रा, डॉ इंदु शेखर उपाध्याय, प्रो. शैलेन्द्र प्रसाद पांडेय, प्रो.महिमा द्विवेदी, प्रोफेसर जितेंद्र तिवारी, प्रो.एस. बी. सिंह, डॉ जितेंद्र कुमार उपाध्याय,डॉ हरेंद्र सिंह, डॉ अशोक पांडेय, संजय सिंह, अवनीश प्रताप पांडेय, डॉ रवींद्र कुमार मिश्रा, डॉ.कुमुद राय, डॉ जीनत रफीक, डॉ वंदना मिश्रा  डॉ सुरेंद्र प्रताप तिवारी, दीपक तिवारी संजय मिश्रा तथा छात्र- छात्राओं की उपस्थिति रही।


Leave a comment

Educations

Sports

Entertainment

Lucknow

Azamgarh