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ऑनलाइन कवयित्री सम्मेलन में कवयित्रियों ने अपनी कविताओं से दर्शकों को किया मंत्रमुग्ध

 
मऊ : ऑनलाइन कवयित्री सम्मेलन में कवयित्रियों ने अपनी कविताओं से दर्शकों को किया मंत्रमुग्ध,'देवकली देवलास:एक अद्भुत धार्मिक स्थल' फेसबुक पेज पर रविवार को ऑनलाइन कवयित्री सम्मेलन का आयोजन किया गया जिसमें मऊ, दिल्ली व जौनपुर से कवयित्रियों ने सहभागिता की । दिल्ली में रहने वाली मूल रूप से मऊ जिले के देवकली देवलास गांव की निवासी इंदु मिश्रा किरण व मऊ जनपद के ही नदवा सराय क्षेत्र निवासी आशा साहनी, जौनपुर की विभा तिवारी तथा दिल्ली की डॉ. पूजा कौशिक ने अपनी कविताओं, ग़ज़लों व हिंदी भोजपुरी गीतों से दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया।कार्यक्रम की शुरुआत में पेज के एडमिन एवं कवि देवकान्त पाण्डेय ने सम्मानित कवयित्रियों का स्वागत किया । उसके बाद कवयित्री विभा तिवारी की सरस्वती वंदना के साथ कार्यक्रम की शुरुआत हुई । सभी कवयित्रियों ने बेहतरीन काव्यपाठ कर दर्शकों की खूब वाहवाही बटोरी । विभा तिवारी की चीन पर आधारित हास्य रचना " छोट-छोट अँखियाँ तू केतना देखावेला, चार फुट देहिया तू केतना उछालेला, आपन चपटल नकिया कटावे आवेला, जब चाहेला तू रार बढ़ावे आवेला" को दर्शकों ने खूब सराहा । आशा साहनी के गीत"कोई गीत लिखे ना मैंने पढ़-लिख कर अखबारों से, सारे गीत लिखे हैं मैंने बिखरे इन किरदारों से" तथा उनके भोजपुरी सोहर की भी दर्शकों ने काफी तारीफ की । डॉ. पूजा कौशिक के मुक्तक "किसी ने खो दिया माँ को किसी ने है पिता खोया, किसी की कोख उजड़ी तो किसी ने हमसफर खोया" तथा इंदु मिश्रा किरण की ग़ज़ल "किया है खेल किसने ये बताओ जिंदगानी से, सियासत के खिलाड़ी बच रहे हैं सचबयानी से को भी दर्शकों ने खूब पसंद किया । कार्यक्रम का संचालन इंदु मिश्रा किरण ने किया । समापन के अवसर पर देवकान्त पाण्डेय ने भी भोजपुरी गीत ए साहेब तनी नजर उठावा, देश के हम मजदूर हईं प्रस्तुत किया जो दर्शकों को खूब पसंद आया।


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