अगर दुर्भाग्यपूर्ण इस रास्ते पर ब्रेक लगाना पड़ा तो मन से दिखेगा आपातकाल
आजमगढ़ के चाँदपट्टी-रौनापार मुख्य मार्ग की इतना खस्ताहालत हो गई है, कि वाहन और मोटर साईकिल तो दूर पैदल चलना भी राहगीरों को मुश्किल हो गया है करखिया मोड़ से लेकर रौनापार मार्ग पर इतना खड्ढा हो गया है कि थोड़े ही बारिश में मार्ग घाघरा नदी के समान हो जाता है|
जबकि इस मार्ग पर जिले भर के बड़े बड़े अधिकारीयों का आना-जाना रहता है I जब भी किसी अधिकारी को रौनापार थाना या देवरांचल क्षेत्र का दौरा करना होता है तो इसी मार्ग से आना जाना है फिर भी कोई इसकी सुध नहीं लेता है |
रौनापार से यह मार्ग चांदपट्टी ,भीमबर, बिलरियागंज,होते हुए जनपद को जोड़ने वाला एक मात्र मार्ग है | पिछले विधान सभा सत्र गोपालपुर विधान सभा सदस्य नफीस अहमद ने बिलिरियागंज से रौनापार तक के मार्ग का चौड़ीकरण कर बनाने की मांग मुख्यमंत्री से मांग भी किये थे | लेकिन बिलरियागंज से चांदपट्टी तक सड़क सकरा मार्ग को मरम्मत कर दिया गया लेकिन आगे मार्ग को छोड़ दिया गया जिसमें लोग गिरते रहे ।
बताते चले कि करखिया मोड़ से रौनापर तक लगभग तीन किलोमीटर का रास्ता बारिश में पता ही नहीं चलता कि रास्ता है या कोई नदी आने-जाने वालो को इतनी दिक्त होती है| अक्सर गड्डे में गिर जाते है उनका कपड़ा तो ख़राब होता ही है घायल भी हो जाते है अब देखना ये है कि शासन प्रशासन की कब इस पर निगाह पड़ती है लेकिन आम जनमानस को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है मुख्य मार्ग होने के नाते इस पर मार्ग 24 घंटे आवागमन होता है |और इसे मरम्मत कर चौड़ीकरण किया जाना अतिआवश्यक है लेकिन चौड़ीकरण का मांग करेगा कौन यह लोगों को समझ में नहीं आ रहा है
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