प्रदेश के सभी डीएम को करना होगा यह काम, सीएम योगी के निर्देश के बाद आयुक्त ने जारी किया आदेश
लखनऊ। यूपी के जिलाधिकारियों को हर महीने विधिवत अपने जिले में लंबित चकबंदी मामलों की समीक्षा करनी जरूरी होगी। साथ ही की गई कार्रवाई के बारे में चकबंदी आयुक्त को रिपोर्ट भेजनी होगी। साथ ही ऐसे जिले जहां चकबंदी के मामलों में कोर्ट से स्टे है, उन मामलों में त्वरित और प्रभावी पैरवी कराई जाएगी। योगी सरकार के निर्देश के बाद प्रदेश के चकबंदी आयुक्त भानुचंद्र गोस्वामी ने सभी जिलों के डीएम को यह आदेश भेजा है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने निर्देश दिए हैं कि चकबंदी के मामलों का तेजी से निस्तारण किया जाए। इसी के आधार पर चकबंदी आयुक्त ने मामलों की गहन समीक्षा की है। उन्होंने सभी जिलों को निर्देश दिए हैं कि सभी जिलाधिकारी अपनी देखरेख में चकबंदी मामलों की समीक्षा करें। इसके लिए उन्होंने एक फार्मेट तैयार किया है जिसमें विवादित मामलों की सुनवाई की गई है। पूरी जानकारी भरनी होगी। साथ ही डीएम को निर्देश हैं कि वे हर महीने इसकी समीक्षा करेंगे।
आयुक्त सभी मामलों की 22, 23 और 24 अक्तूबर को प्रदेश के सभी जिलों के साथ वीडियो कांफ्रेंसिंग करेंगे। इसमें प्रतिदिन 25- 25 जिलों की समीक्षा की जाएगा। निर्देश दिए गए हैं कि विशेष निगरानी के लिए एडीएम स्तर के अधिकारी को लगाया जाए। साथ ही लंबित मामलों में कोर्ट से प्राप्त किए गए स्थगन आदेशों के प्रकरण में गहनता से समीक्षा कर कोर्ट में प्रभावी पैरवी कराई जाए।
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