Sultanpur। सहायक अध्यापिका पत्नी ने पति को किया बेघर, जनता दरबार में डीएम के समक्ष पीड़ित ने सुनाई अपनी व्यथा
सुल्तानपुर। डीएम के जनता दरबार में आज अजीबो ग़रीब वाकया दर पेश आया। यहां एक पति फरियाद लेकर पहुंचा कि सहायक अध्यापिका उसकी पत्नी ने उसे घर से बेघर कर दिया है। पीड़ित पति ने अपनी जान-माल की रक्षा के लिए प्रशासन से गुहार लगाई है। मामला अखंडनगर थाना क्षेत्र के बलुआ गांव का है। बलुआ गांव निवासी उमेश कुमार सिंह पुत्र समरजीत सिंह ने जिला प्रशासन से लेकर शासन तक में लिखित शिकायत की है।
अपनी शिक्षिका पत्नी पर भारी भ्रष्टाचार का उन्होंने आरोप लगाते हुए संपत्ति हथियाने और घर से बाहर निकालने की शिकायत की है। पति उमेश कुमार सिंह ने अपनी शिक्षिका पत्नी उपमा सिंह पर आरोप लगाया है कि वर्ष 2000 में हिंदू रीति रिवाज के अनुसार उसकी शादी हुई थी। जिस समय शादी हुई थी वह बीए कर रही थी। वह प्राइवेट वाहन चलाता था, परिवार को आगे बढ़ाने के लिए अपनी पत्नी को नौकरी की तरफ प्रेरित किया। मेहनत और लगन से तैयारी करने के लिए पत्नी को इलाहाबाद कोचिंग के लिए भेज दिया और खानपान रहन-सहन की सारे खर्च प्राइवेट ड्राइवरी कर स्वयं वहन करने लगा।
उन्होंने बताया कि मैने स्वयं अपने खर्चे से पत्नी को बीएड बीटीसी कराया। जो इस समय ब्लॉक दुबेपुर के पूरे अहिरन मजरे उघरपुर में शिक्षिका के रूप में सहायक अध्यापक के पद पर तैनात है। नौकरी मिलने के बाद दोनों के बीच विरोध बढ़ता गया। तिरुपति ने कहा है इलाहाबाद में रहकर उक्त महिला का संपर्क नकल माफिया गैंग से हो गया था मेरे बार-बार मना करने के बाद मुझे ही दूर करने की उसने ठान ली। पीड़ित ने बताया की बेटी वैष्णवी सिंह केंद्रीय विद्यालय में कक्षा 7 में पढ़ती है लेकिन पत्नी ने उसका नाम अपने स्कूल में कक्षा 4 में लिखकर सरकार की योजनाओं का लाभ ले रही। उसने मुझे गुमराह करके मेरे द्वारा खरीदी गई लखनऊ में 800 वर्ग फीट की जमीन व गाड़ी को भी अपने नाम दर्ज करवा लिया। नौकरी पाने के बाद आए दिन मुझे परेशान करती है फर्जी मुकदमा में फंसाने के लिए बार-बार धमकी भी देती है।
डीएम ने जांच कराकर कार्रवाई का पीड़ित को आश्वासन दिया है।
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